तीरंदाज, भिलाई। छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर के युवा तबला वादक भाई-बहन होली के अगले दिन यानी 19 मार्च को रात आठ बजे कनाडा के चैनल पर नज़र आएंगे। संगीत के लिए समर्पित कनाडा की संस्था सर्व अकाल म्यूजिक सोसाइटी (sarv akaal music society) द्वारा दोनों भाई-बहन रामचंद्र सर्पे (ramchandra sarpe) और पूनम सर्पे (poonam sarpe) पर beats with sarpe brothers and sister नाम से एक डाक्यूमेंट्री बनाई गई है। इसमें आप दोनों भाई-बहन की तबले पर जुगलबंदी का भी आनंद ले सकेंगे।
भिलाई के भाई-बहन ने अपनी प्रतिभा से कनाडा की संस्था को आकर्षित किया। एक वर्चुअल प्रोग्राम में संस्था ने दोनों को नोटिस किया। दोनों की प्रतिभा से संस्था इतनी प्रभावित हुई कि उनकी संगीत यात्रा पर डाक्यूमेंट्री बनाने का फैसला लिया गया। डाक्यूमेंट्री के लिए कोलकाता से वीडियोग्राफी टीम भेजी गयी। दोनों कलाकारों के इंटरव्यू के लिए वरिष्ठ पत्रकार और शायर मयंक चतुर्वेदी मानस (mayank chaturvedi manas) से संपर्क किया गया।
पिछले महीने डाक्यूमेंट्री शूट की गई और अब 19 मार्च को सर्व अकाल म्यूजिक सोसाइटी के विभिन्न प्लेटफार्म पर प्रसारित की जाएगी। भारत में इसे 19 मार्च को रात 8:00 बजे सर्व अकाल के यूट्यूब चैनल ‘सर्व अकाल टीवी’ (sarv akaal tv) पर देखा जा सकेगा। जबकि कनाडा में इसे 19 मार्च की सुबह 8:30 देखा जा सकेगा।
भारतीय शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देना ही संस्था का उद्देश्य
सर्व अकाल म्यूजिक सोसाइटी कैलगरी, कनाडा की क्रिएटिव डायरेक्टर अंकिता साहा (ankita saha) के अनुसार संस्था की स्थापना 2009 में एक अकादमी के रूप में हुई थी। इसके बाद इसका लगातार विस्तार हुआ। संस्था का उद्देश्य भारतीय शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देना है। चूँकि संस्था कनाडा में है, इसलिए संस्था यह भी कोशिश कर रही है कि कैसे वेस्टर्न म्यूजिक को भारतीय संगीत से जोड़ा जाये। 2016 से संस्था ने इंडियन क्लासिकल म्यूजिक फेस्टिवल (ICMF) की शुरुआत की। अब तक अजय चक्रवर्ती, कौशिकी, शाहिद परवेज़, राजन-साजन, रेशमा पंडित आदि भारत के जानेमाने कलाकार संस्था के माध्यम से प्रस्तुति दे चुके हैं। पिछले दो साल से संस्था हर रोज लाइव प्रोग्राम आयोजित कर रही है। संस्था भारतीय प्रतिभाओं को खोज रही है और उन्हें मंच उपलब्ध करा रही है।
ऐसे पहुंचे सर्पे भाई-बहन तक
अंकिता साहा बताती हैं कि कोरोना के दौरान वर्चुअल आयोजन हो रहे थे, उसी में रामचंद्र सर्पे और पूनम सर्पे पर नज़र गई। उनकी प्रस्तुति यूनीक लगी। अक्सर भाई-भाई या बहन-बहन को ही हमने प्रस्तुति देते देखा है। लेकिन सर्प भाई-बहन को देखकर लगा कि उनके परिवार में भाई-बहन को बराबरी का दर्जा मिला है। इस बात को हम दुनिया को दिखाना चाहते थे। इसलिए रामचंद्र और पूनम पर डॉक्यूमेंट्री बनाने का फैसला लिया गया।