अंबिकापुर। शहर में स्वास्थ्य मंत्री के सरकारी भूखंड पर कथित कब्जे व वहां निर्मित दुकानों के मुद्दे पर भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने अब हाईकोर्ट जाने का निर्णय लिया है। आलोक दुबे कलेक्टर व निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर पुराना आरटीओ कार्यालय के पास अवैध रूप से निर्मित 40 दुकानों को तोड़ने की मांग की है। एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई नहीं किए जाने पर पार्षद आलोक दुबे ने हाईकोर्ट जाने की चेतावनी दी है।
बता दें अंबिकापुर के पार्षद आलोक दुबे प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर सरकारी भूखंड पर कब्जे का आरोप लगाकर चर्चा में आए। उन्होंने हाल ही में इस संबंध में बयान जारी कर स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव पर सरकारी भूखंड़ पर नियम विरुद्ध दुकानें बनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने पहुंच का लाभ लेते हुए उक्त कार्य किया। इस मामले में हाईकोर्ट ने 2012 में सुनवाई कर नगर निगम प्रशासन को उक्त दुकानों को तोड़ने का निर्देश दिया था।
प्रशासन कर रहा हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना
अंबिकापुर नगर निगम के वार्ड क्रमांक 6 से भाजपा पार्षद आलोक दुबे का कहना है कि 19 मार्च 2012 में हाईकोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था। हाईकोर्ट में तात्कालीन जज ने नगर निगम प्रशासन को 21 दिन का समय दिया था। इस दौरान निगम को निर्देशित किया गया था कि टीएस सिंहदेव को नोटिस जारी कर इस संबंध में जवाब मांगा जाए। जवाब संतुष्ठ करने वाला नहीं होने पर तत्काल कार्रवाई करते हुए दुकानों को तोड़ा जाए।
10 बाद भी कार्रवाई नहीं
पार्षद आलोक दुबे का कहना है कि हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश को अब 10 साल बीत चुके हैं। लेकिन अब तक इस पर कार्रवाई नहीं की गई है। इस दौरान नगर निगम ने टीएस सिंहदेव को नोटिस भी जारी किया गया। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। पार्षद आलोक दुबे ने टीएस सिंहदेव पर राजनीतिक रसूक का फायदा उठाते हुए इस मामले को अब तक दबाकर रखने का आरोप लगाया है। यही कारण है कि निगम ने अब तक इस जमीन को खाली नहीं कराया है।
हाईकोर्ट में लागाएंगे याचिका
भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने कहा है कि हमने काफी संयंम से काम लिया है। नगर निगम व जिला प्रशासन के से इस मामले में हस्तक्षेप करने ज्ञापन दिया है। इसके बाद भी निगम व जिला प्रशासन द्वारा हाईकोर्ट के निर्देशों की अवहेलना की जा रही है। हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना व अवैध दुकानों के खिलाफ हाईकोर्ट जाकर अपील दायर करेंगे।
फाइल देख कर बताएंगे क्या करना है
इधर इस मामले में नगर निगम अंबिकापुर के आयुक्त विजय दयाराम का कहना है कि जिस दिन पार्षद आलोक दुबे ने ज्ञापन दिया था हम शहर में नहीं थे। लौटने के ज्ञापन फारवर्ड होकर हमारे पास पहुंचा है। 10 साल पुराना मामला है। इससे संबंधित फाइल मंगाई है। फाइल देखने के बाद ही बता पाएंगे कि क्या किया जा सकता है।
2012 में ही दे दिया था जवाब
इस सबंध में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के वकील संतोष सिंह का कहना है कि हाईकोर्ट के दिशा निर्देश पर 2012 में 21 दिनों के भीतर ही हमने निगम व टाउन एंड कंट्री प्लानिंग को जवाब दे दिया था। जवाब से संतुष्ठ होने के बाद इसे बंद कर दिया गया। भाजपा पार्षद द्वारा जिस जमीन की बात की जा रही है वह सरकारी नहीं बल्कि टीएस सिंहदेव जी की निजी जमीन है।
वकील संतोष सिंह ने कहा कि निर्माण से पूर्व विधिवत अनुमति लेकर ही दुकानों का निर्माण किया गया। इसके लिए बकायदा नक्शा भी पास कराया गया। नक्शे के मुताबिक ही निर्माण कार्य हुआ है। इस प्रकरण को 10 बीत चुके हैं और इसे निगम द्वारा संतुष्ठ होने के बाद ही बंद किया गया है।