भिलाई। शहर में बीमार पेड़ों का बचाने के लिए जल्द ही ट्री एंबुलेंस (Tree Ambulance) चलाई जाएगी। इस एंबुलेंस की खास बात यह होगी कि इसमें ऑक्सीजन सिलेंडर की जगह पौधों का जीवन बचाने वाले औजार होंगे। फावड़ा, कुदाल, सब्बल, कुल्हाड़ी, रापा, टोकनी जैसे सामान होंगे। यही नही पेड़ पौधों के लिए जरूरी दवाएं व कीटनाशक भी इस ट्री एंबुलेंस में होगी।
भिलाई शहर में ट्री एंबुलेंस चलाने का बीड़ा उठाया है प्रशांति साईं सेवा संगठन ने। संस्था द्वारा शहर के पेड़-पौधों को जीवन देने के लिए इस सेवा को शुरू किया जा रहा है। इसके तहत संस्था अपने वालेंटियर के साथ शहर में जरूरत के मुताबिक सेवा देगी। इसके लिए संस्था एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने जा रही है। सार्वजनिक क्षेत्रों में पेड़ों को लेकर किसी भी तरह की समस्या का समाधान संस्था द्वारा किया जाएगा।
प्रशांति साईं सेवा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप नायडू ने इस संबंध में तीरंदाज को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पेड़-पौधे हमारे जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। अक्सर देखा गया है शासन प्रशासन व अन्य संगठनों द्वारा पौधरोपण किया जाता है। लेकिन उनकी ठीक से देखभाल नहीं होने से पेड़-पौधे मरने लगते हैं। ऐसे पेड़ पौधों का जीवन बचाने के लिए हम विशेष वाहन चलाने जा रहे हैं।
पेड़ पौधों की रक्षा का हर सामान होगा मौजूद
संदीप नायडू ने बताया कि इसके लिए वाहन का ऑर्डर दे दिया गया है। एक माह के भीतर इस पर काम शुरू हो जाएगा। प्रशांति साईं सेवा संगठन के माध्यम से इस कार्य को किया जाएगा। हमारे वालेंटियर सार्वजनिक क्षेत्रों में ऐसे पेड़-पौधों का सर्वे करेंगे। जिन्हें बचाया जा सकता है। जरूरत के मुताबिक उसके लिए खाद व दवाओं का इंतजाम भी वाहन में होगा।
एग्रीकल्चर विभाग के रिटायर्ड अधिकारियों की मिलेंगी सेवाएं
संदीप नायडू ने बताया कि हम इस क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के रिटायर्ड अधिकारियों व कर्मचारियों की सेवाएं ले रहे हैं। पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। वाहन बनकर आने के बाद सेवा का शुभारंभ किया जाएगा। हेल्पलाइन नंबर जारी करने के बाद उसका प्रचार भी किया जाएगा। हमारी सेवा पहले दुर्ग व भिलाई में शुरू की जा रही है। आगे जाकर इसे प्रदेश स्तर पर भी बढ़ाया जाएगा।
कॉल पर पहुंचेगी हमारी सेवा
नायडू ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर जारी होने के बाद एक कॉल पर हमारी सेवा पहुंचेगी। यह सेवा केवल सार्वजनिक क्षेत्र के लिए होगी। दुर्ग-भिलाई के भीतर कहीं भी कोई पेड़ को तकलीफ होगी तो हमारी ट्री एंबुलेंस की सेवा मिलेगी। उन्होंने बताया कि शहर में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में हमारा एक प्रयास है। हमारे साथ पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले लोग भी जुड़ रहे हैं।