रायपुर। कोल इंडिया ने राज्य सरकारों से नामित सभी गैर सरकारी एजेंसियों को कोयले की सप्लाई और आवंटन पर रोक लगा दी है। इस वजह से एक झटके में छत्तीसगढ़ के उद्योगों ने 3 लाख टन कोयला गंवा दिया है। इसलिए यहां कोल संकट अब और गहरा गया है।
इस संबंध में कोल इंडिया ने एसईसीएल सहित केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत सभी खनन कंपनियों को पहले ही पत्र जारी कर दिया है। कोल इंडिया लिमिटेड के एक आदेश ने छत्तीसगढ़ के उद्योगों को खासतौर पर रोलिंग मिलों को 3 लाख टन कोयले की उम्मीदें पूरी तरह टूट चुकी है। कहा जाए छत्तीसगढ़ में पहले से ही कोल संकट है।
इधर कोल की मांग को लेकर एक दिन के दौरे पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं। इस दौरान रायपुर में मीडिया से बातचीत में बिजली को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी पीड़ा व्यक्त की। कहा कि अगर छत्तीसगढ़ से कोल सप्लाई नहीं हुआ तो साढ़े 4 हजार मेगावाट बिजली के पावर प्लांट बंद हो जाएंगे। ऐसे में स्टेट के अंदर बड़ा बिजली संकट आ सकता है।

सीएम अशोक गहलोत का स्वागत करते सीएम भूपेश बघेल।
सीएम गहलोत ने कहा हमें छत्तीसगढ़ के भरोसे रहना पड़ता है। काफी लंबे अरसे से हम इसकी मांग कर रहे हैं। हमारे अधिकारी भी लगातार संपर्क में थे। हम लोग बात करेंगे और सीएम को कन्विंस करेंगे कि कोयले की परमिशन दें। गहलोत ने कहा पूरी राजस्थान की जनता इंतजार कर रही है कि कब परमिशन मिले। इसलिए हम आए हैं।
गहलोत ने कहा हर राज्य की अपनी समस्या है। हमें अपनी बिजली की जरूरत तो पूरी करनी पड़ेगी। राजस्थान को यहां पर केंद्र ने कोल ब्लॉक अलॉट किया है। हम उसे भी एप्रिशिएट करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है भारत सरकार ने बगैर पूछे परमिशन दे दिया हो। हम इतना ही मांग कर रहे हैं जितनी आवश्यकता है। यहां सीएम से रिक्वेस्ट कर कन्विंस करेंगे कि हमारी जरूरत कैसी है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा हमारे सामने बड़ी चुनौती है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पर्यावरण नियमों और स्थानीय भावनाओं को ध्यान में रखते हुए ही कोई फैसला लिया जाएगा।
सीएम ने कहा पांच राज्यों के चुनाव से पहले पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कमी की, चुनाव के बाद फिर बढ़ा दिए गए। महंगाई हद पार कर गई है। बेरोजगारी से युवा परेशान है। देश में संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है। कहीं फर्जी एनकाउंटर हो रहा है, कहीं ईडी के छापे पड़ रहे हैं। देश को बचाना है तो सबको सोचना पड़ेगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यहां अपने निवास कार्यालय में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री गहलोत दोपहर रायपुर पहुंचे। वे एयरपोर्ट से सीधे मुख्यमंत्री निवास आए। इस अवसर पर वनमंत्री मोहम्मद अकबर, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू सहित छत्तीसगढ़ और राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ के उद्योगों को पहले ही लग चुका है झटका
बता दें कि छत्तीसगढ़ में गैर सरकारी एजेंसियों को कोयले की आपूर्ति पर केंद्र ने रोक लगाई है। इस फैसले का असर देशभर के गैर-सरकारी एजेंसियों को होने लगा है। छत्तीसगढ़ में उद्योगों को बड़ा नुकसान हो चुका है। वहीं हाल ही में रोलिंग मिलों ने प्रदेश में कोयला संकट की स्थिति के बाद हर वर्ष 3 लाख टन कोयले के लिए राज्य सरकार को चिठ्ठी लिखी थी, जिसे तीन साल तक देना था। कोल इंडिया के इस फैसले के बाद अब उद्योगों को तगड़ा झटका लगा है।
(TNS)