भिलाई। रूस–यूक्रेन युद्ध के कारण राजधानी कीव व खार्किव में फंसे भारतीय छात्रों की फिलहाल वापसी की उम्मीदें खत्म हो गईं हैं। रूसी सेना के हमलों के बीच भारतीय छात्र ही नहीं यूक्रेनी नागरिक भी शेल्टर होम में शरण लिए हुए हैं। लगातार हो रही बमबारी के कारण शेल्टर से बाहर निकलने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे हैं। इस बीच यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसे छत्तीसगढ़ के छात्र ने http://v2r.c02.mywebsitetransfer.com को वहां के हालात के बारे में बताया।
खरसिया के रहने वाले संतोष कुमार कीव में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। वे वहां पिछले पांच वर्षों से हैं। एक साल बाद कोर्स पूरा कर वापस लौटना था। इस बीच रूसी सेना के हमले के कारण वे वहां फंस गए हैं। संतोष कुमार ने बताया कि वे लोग मेट्रो ट्रेन के अंडर ग्राउंड एरिया में शरण लिए हुए हैं। उनके साथ करीब 15 से 20 भारतीय व बड़ी संख्या में यूक्रेनी नागरिक हैं।
सुरक्षित क्षेत्र से काफी दूर
संतोष कुमार ने बताया कि इस बंकर में इस समय उसके साथ छत्तीसगढ़ के लोरमी निवासी निलेश भी हैं। वहीं केरल के तीन साथी और हैं। संतोष कुमार ने बताया कि वे सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र में हैं और सुरक्षित क्षेत्र वहां से काफी दूर है। बाहर न बसें चल रही हैं और न ही आने-जाने का कोई साधन है, जिससे यूक्रेन के पश्चिमी क्षेत्र में जा सकें।
खाने पीने के लाले
संतोष ने बताया कि यहां खाने का सामान भी नहीं मिल रहा है। बंकर में काफी ठंड है, जिससे तबीयत भी खराब हो रही है। जब लगता है बमबारी नहीं हो रही तो जल्दी से बाहर निकलकर खाने का सामान जुटा रहे हैं। खाने के लिए भी यहां ब्रेड बन ही मिल रहा है। संतोष कुमार ने कहा कि यहां से फिलहाल हमारा भारत लौटना संभव नहीं है।
कम से कम फूड का करे इंतजाम
संतोष कुमार ने कहा कि हमारा भारत सरकार से एक ही निवेदन है कि वह हमारे खाने का कुछ इंतजाम करे। क्योंकि यहां से हमारे लिए रोमानिया बार्डर पहुंचना मुश्किल है। अभी जिन छात्रों को भारत ले जाया जा रहा है वे सभी पश्चिमी क्षेत्रों में हैं, जहां से रोमानिया व पोलैंड का बार्डर लगा हुआ। हम यहां जैसे तैसे गुजार रहे हैं। हमारे लिए फूड का इंतजाम किया जाए।
सीएम बघेल ने की केंद्रीय विदेश मंत्री से बात
इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार शाम को नई दिल्ली रवाना होने के पहले मीडिया से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने बताया कि यूक्रेन में फंसे छत्तीसगढ़ के छात्रों को वापस लाने के लिए केंद्रीय विदेश मंत्री से बात की थी। केंद्रीय विदेश मंत्री ने बताया कि छात्रों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों से निकाल कर हवाई मार्ग से वापस लाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के बच्चे भी आ रहे हैं। हम सबकी चिंता है कि बच्चों की जल्द से जल्द वापसी हो।