तीरंदाज, बिलासपुर। आंगनबाड़ी केंद्रों में महिलाओं और बच्चों को वितरित किए जाने वाले रेडी टू ईट फूड को लेकर सरकार द्वारा जारी आदेश पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। सरकार के फैसले के खिलाफ महिला स्व सहायता समूह लामबंद हुए और हाई कोर्ट में याचिका लगाई। इस मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने इस पर अंतरिम रोक लगा दी है। वहीं इस मामले के अंतिम सुनवाई 4 मार्च को तय की गई है।
बता दे छत्तीसगढ़ के आंगनबाड़ी केंद्रों में महिलाओं व बच्चों को दिए जाने वाले रेडी टू ईट आहार का निर्माण महिला स्व सहायता समूह के जिम्मे है। प्रदेश के सभी जिलों में सैकड़ों समूह आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट फुड की सप्लाई कर रही हैं। इसमें 20,000 से अधिक महिलाएं काम कर रही हैं जिनका रोजगार इससे बना हुआ है। सरकार के एक फैसले से इनका रोजगार छिनने के करीब आ गया था। जिस पर हाईकोर्ट ने राहत दी है।
जानें क्या है सरकार का आदेश
प्रदेश सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों व महिलाओं को दिए जाने वाले रेडी टू ईट आहार को लेकर एक आदेश जारी किया। इस आदेश के तहत राज्य सरकार ने कहा कि रेडी टू ईट का निर्माण अब ऑटोमेटिक मशीन से कराया जाएगा। 22 नवंबर 2021 को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी। इसमें कहा गया है कि ऑटोमेटिक मशीन से उत्पादन करने पर आहार की गुणवत्ता में सुधार होगा। सरकार के इस फैसले के खिलाफ सैकड़ों स्व सहायता समूह लामबंद हुए।
230 से ज्यादा समूहो ने लगाई थी याचिका
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सरकार के उक्त आदेश का विरोध करते हुए लगभग 230 से ज्यादा महिला स्व सहायता समूहों ने याचिका दायर की थी। लगाई गई याचिका में सहायता समूह की ओर से कहा गया कि सरकार के इस आदेश से 20,000 से ज्यादा महिलाओं का रोजगार छिन जाएगा। अभी रेडी टू ईट का निर्माण कर महिलाएं इससे अपनी आजीविका का चला रही हैं। स्व सहायता समूह के इसी याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकार के आदेश पर रोक लगाई है।