बीजापुर। गांव के आस-पास लगाए गए सुरक्षा बलों के कैम्प को हटाने, सड़क निर्माण का काम रोकने, हिंसा में मारे गए लोगों को उचित मुआवजा सहित 19 सूत्रीय मांग को लेकर ग्रामीण धरने पर बैठे हैं। कड़कड़ाती ठंड में भी वे वहीं बैठकर अपनी बातों पर अड़े हुए हैं।
शनिवार को बीजापुर मुख्य मार्ग पर बैठकर वे जाम करने का प्रयास किए, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने सफल नहीं होने दिया। मौके पर पहुंचकर एसडीएम ने आदिवासियों से चर्चा की, तब वे माने और सोमवार को ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल के जरिये कलेक्टर से मुलाक़ात करने की बात कही।
बता दें कि जिले के बेचापाल में पिछले एक महीने से तीस गांव के ग्रामीण आदिवासी अपनी 19 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। कड़ाके की ठंड में भी डटे हुए हैं, जिस जगह पर इनका धरना चल रहा है वहां अपने पारंपरिक गीत पार नृत्य कर ग्रामीण विरोध दर्ज करा रहे हैं।
30 नवंबर दिए ज्ञापन पर पहल नहीं होने से हैं नाराज
ग्रामीणों की मांग है कि कैम्प हटाने के साथ सड़क निर्माण का कार्य बंद किया जाए। हिंसा में मारे गए लोगों को एक करोड़ की राशि दी जाए, घायलों को पचास लाख दिया जाए आदि मांगें शामिल हैं। 30 नवंबर को इन्होंने अपना ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा था। जहां ज्ञापन की प्रति राज्यपाल और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेज दी गई है। इसमें किसी तरह का कोई फ़ैसला नहीं लिए जाने से वे नाराज है। इधर प्रशासन लगातार ग्रामीण आदिवासियों को आंदोलन ख़त्म करने की समझाइश दे रहा है, मगर जब तक मांग पूरा नहीं होती आंदोलन ख़त्म नहीं करने की बात कही है।
शासन-प्रशासन निजी निजी जमीन जबरन हड़प रहे हैं
स्थानीय युवा ग्रामीण ने आरोप लगाया कि शासन-प्रशासन ग्रामीणों के निजी जमीन लेकर रोड निर्माण करवा रहा है। इस निर्माण कार्य के लिए हजारों पेड़ काट दिए गए है। फोर्स उनके क्षेत्र में बलपूर्वक पुलिस कैम्प खोल रही है और फोर्स स्थानीय युवाओं को प्रताड़ित कर रहा है। छात्राओं के साथ बलात्कार हो रहा है। अब ये ग्रामीण इंसाफ के लिए आंदोलन पर उतर आए हैं। मारे गए लोगों को 1-1 करोड़ मुआवजा दिया जाए, घायलों को 50-50 लाख दिया जाए, रोड निर्माण के दौरान काटे गए सभी पेड़ों के लिए मुआवजा दिया जाए।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेज दिया ज्ञापनः एसडीएम
भैरमगढ़ के अनुविभागिय अधिकारी (एसडीएम) एआर राणा ने बताया कि 19 दिसंबर को ग्रामीणों की तरफ़ से चक्काजाम की सूचना दी गई थी। उनके द्वारा पूर्व में सौंपे गए ज्ञापन को हमने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेज दिया था और हम लगातार उनसे हड़ताल ख़त्म करने कह रहे थे, लेकिन वे नहीं माने। आज ग्रामीणों को फिर समझाईश दी गई है। उनकी बात शासन तक पहुंच गई है। वे फिर सोमवार को कलेक्टर से मुलाक़ात करेंगे।
(TNS)