नई दिल्ली (TNS)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को एक डिजिटल हेल्थ आईडी के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की, जिसमें उनके हेल्थ रिकॉर्ड होंगे। डिजिटल हेल्थ आईडी राष्ट्रव्यापी रोलआउट राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की तीसरी वर्षगांठ मनाने के साथ मेल खाता है। वर्तमान में, राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के तहत एक लाख से ज्यादा यूनिक हेल्थ आईडी बनाई गई हैं, जिसे शुरू में 15 अगस्त को पायलट आधार पर छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लॉन्च किया गया था।
क्या है डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड ?
डिजिटल हेल्थ प्क् कार्ड आधार कार्ड की तरह एक यूनिक आईडी कार्ड होगा जो आपके हेल्थ रिकॉर्ड को मेंटेन करने में मदद करेगा। ये आपकी पर्सनल डिटेल्स के जरिए बनाया जाएगा। आधार कार्ड या सिटीजन के मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके आईडी बनाई जाएगी और हेल्थ रिकॉर्ड को मेंटेन करने के लिए एक आईडेंटिफायर के रूप में काम करेगी। सिस्टम डेमोग्राफिक और लोकेशन, फैमिली/रिलेशनशिप और कांटेक्ट डिटेल्स सहित कुछ जरूरी जानकारी भी एकत्र करेगा। फिर सिटीजन की सहमति लेने के बाद इस जानकारी को हेल्थ आईडी से जोड़ा जाएगा।
ऐसे काम करता है यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड
इस योजना में चार आवश्यक ब्लॉक शामिल हैं – यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी, प्रोफेशनल रजिस्ट्री, हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री और इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड। स्कीम का पहला उद्देश्य इन चार ब्लॉक के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा के लिए एक डिजिटल एनवायरमेंट बनाना है। मिशन एक इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड बनाएगा, जो कि सरकार द्वारा समझाया गया है, एक मरीज के चार्ट का एक डिजिटल वर्जन है।