नई दिल्ली। पूर्णिमा तिथि की उदायमान तिथि 20 अक्टूबर को मान्य है। रेवती नक्षत्र मे 19 को चंद्र उदय (moon rise) होगा जो अपने आप में दुर्लभ योग है क्योंकि बुध के नक्षत्र में यह पूर्णिमा समस्त तरल पदार्थो को प्रभावित करेगा। रेवती नक्षत्र मे 19 को चंद्र उदय होगा जो अपने आप में दुर्लभ योग है।
सभी पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima today) का विशेष महत्व है। आज 19 अक्टूबर, मंगलवार को शरद पूर्णिमा का त्योहार मनाया जा रहा है। आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है, चन्द्रमा (Moon) आज के दिन पृथ्वी (earth) के अति निकट होता है और चन्द्रमा के 16 कलाओं की आभा पृथ्वी के प्रत्येक जीव को प्रभावित करता है। रात्रि चन्द्रमा पूर्णतः अपनी सम्पूर्ण 16 कलाओ से परिपूर्ण होगा। रेवती नक्षत्र मे 19 को चंद्र उदय होगा जो दुर्लभ योग है क्योंकि बुध के नक्षत्र मे यह पूर्णिमा समस्त तरल पदार्थो को प्रभावित करेगा। कुछ विशेष प्रयोग करने से अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है।
लक्ष्मी पूजन और लक्ष्मी प्राप्ति
गाय का घी : (cow ghee ) रात्रि समय में घी को चन्द्रमा (Moon) की रौशनी में रखे उसके उपरांत घी को सुरक्षित रखें और दीपावली पर इस घी का दीपक प्रज्जवलित करें। इससे मां लक्ष्मी (Lakshmi) की अनंत कृपा प्राप्त होती है। जो बच्चे शारीरिक तौर पर दुर्बल हो उनको इस घी का मालिश किया जाए।
बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए
शहद : (honey) पूर्णिमा की रात्रि में शहद को चन्द्रमा (Moon) की रौशनी में रखें, उसके उपरांत यह शहद औषधि के रूप मे कार्य करेगा, जो बच्चे मंदबुद्धि हो या जिनकी स्मरण शक्ति अच्छी ना हो।
अच्छे स्वास्थ्य और बीमारी से मुक्ति
चावल : (Rice) जो लोग किसी बीमारी से ग्रासित हों या घर में बीमारी का माहौल बना हुआ हो वो लोग सफ़ेद कपड़ा पर चावल रख दें कुछ देर चन्द्रमा की रौशनी में रखने के बाद उसको अगली सुबह किसी मंदिर में दान कर दें। स्वास्थ्य में सुधार होगा। चन्द्रमा की रौशनी में गंगा जल रखें और उस गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक करें इससे आपके जीवन में आने वाली समस्त परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
दूध का खीर
(milk cake) खीर बना कर रात्रि समय में चन्द्रमा (Moon) की रौशनी में रखे और उसके बाद खीर का सेवन करना चाहिए इससे अच्छा स्वास्थ्य और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
(TNS)