MUMBAI. शिवसेना के अंदर उद्धव और एकनाथ शिंदे गुट के बीच शुरू हुई खींचातान अभी थमती हुई नहीं दिख रही है। उद्धव ठाकरे से पहले शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न छीन लेने के बाद शिंदे समूह लगातार उद्धव से संपत्तियां हासिल करने में लगा हुआ है। बताया जा रहा है कि अब इससे बड़ा झटका उद्धव ठाकरे को शिंदे गुट देने जा रहा है।
शिंदे गुट ने अब तक संसद में शिवसेना कार्यालय और महाराष्ट्र राज्य विधानमंडल कार्यालय पर कब्जा कर रखा है। उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने शिंदे गुट के दफ्तरों पर लगातार कब्जा कर इसे चोरी करार दिया है। वहीं, शिंदे गुट द्वारा कार्यालय पर लगातार कब्जा किए जाने के खिलाफ उद्धव गुट की ओर से ठाणे पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई गई थी।
उद्धव ठाकरे और उनके गुट की समस्याओं का कोई अंत नजर नहीं आ रहा है। शिंदे गुट के नेताओं के मुताबिक सबसे पहले शिवसेना के बीएमसी दफ्तर पर कब्जा करने की योजना है। खबरों के मुताबिक, शिंदे गुट जल्द ही बीएमसी कमिश्नर को पत्र भेजकर शिवसेना कार्यालय पर दावा ठोकने की योजना बना रहा है। फिलहाल दो गुटों के बीच विवाद के कारण यह दफ्तर बीएमसी के अंदर बंद है। मगर, नाम और चुनाव चिह्न हासिल करने के बाद शिंदे ग्रुप इस पर दावा करने की फिराक में है।
इसे ध्यान में रखते हुए मुंबई पुलिस ने कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी है और वहां पुलिस अधिकारियों को तैनात कर दिया है। दोनों गुटों में तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। शिवसेना के इस कार्यालय के अलावा, शिंदा के गुट की नजर मुंबई में सामना और 227 से अधिक वार्ड कार्यालयों पर भी है, जहां वह हिस्सेदारी का दावा करने की योजना बना रहा है।
इसको लेकर शिंदे गुट के नेताओं का कहना है कि नाम और सिंबल मिलने के बाद उद्धव गुट से जरूरी हर चीज लेना जरूरी होगा। बताते चलें कि इस बीच उद्धव ठाकरे ने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न को उनसे लिए जाने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है, जिस पर सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत बुधवार को तैयार हो गया है।