NEW DELHI NEWS. केंद्र सरकार नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। जानकारी मिली है कि जम्मू-कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ की 85 कंपनियों (8500 जवान) में से 71 कंपनियों को वहां हटने के आदेश दिए गए हैं। इन सभी कंपनियों को उनके मूल सेक्टर में वापस जाने को कहा गया है। केवल 14 कंपनियां ही जम्मू-कश्मीर में तैनात रहेंगी। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देश क मार्च 2026 से पहले नक्सलमुक्त करने के ऐलान कर चुके हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़ फोर्स नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर चुकी है। इसके साथ ही इनामी नक्सली भी लगातार सरेंडर कर रहे हैं।
इन कंपनियों को छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा और बिहार समेत 10 सेक्टरों में वापस भेजे जाने के आदेश दिए गए हैं, जबकि चार सेक्टर की 14 कंपनियों को अभी जम्मू-कश्मीर में ही तैनात रहने के लिए कहा गया है। इससे अब तस्वीर साफ हो गई है कि इन राज्यों में नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जा सकता है, जिसकी तैयारियों के तहत यह कदम उठाया गया है।
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सूत्रों ने बताया कि सीआरपीएफ की तरफ से यह आदेश इस महीने की शुरुआत में गृह मंत्रालय द्वारा इस मामले में दिए गए आदेशों को ध्यान में रखते हुए आईजी (ऑपरेशंस) द्वारा दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि अमरनाथ यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर में लगाई गई सीएपीएफ के साथ सीआरपीएफ की 85 कंपनियों में से 71 को हटाकर उनके मूल सेक्टर वापस भेजा जाए।
सूत्रों का कहना है कि अमरनाथ यात्रा खत्म होने के बाद सीएपीएफ की कंपनियों को वापस बुलाने के आदेश के पीछे केंद्र सरकार की एक बड़ी मंशा देश को नक्सलमुक्त कराने के टारगेट को पूरा करने की भी है। इसके लिए जल्द ही छत्तीसगढ़ समेत देश के उन राज्यों में सरकार कोई बड़ा अभियान चलाने की योजना बना रही है। जहां-जहां नक्सली अधिक सक्रिय हैं। हालांकि, इस बारे में आधिकारिक रूप से कोई जानकारी साझा नहीं की गई है। लेकिन सूत्र सीआरपीएफ की कंपनियों को वहां से हटाने की एक बड़ी वजह इन्हें आने वाले समय में एंटी-नक्सली अभियान में लगाना बता रहे हैं।
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