RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ की चर्चित शराब घोटाले पर प्रवर्तन निर्देशालय (ईडी) ने 7 हजार से अधिक पन्नों की पांचवी पूरक चार्जशीट पेश की है। इसमें दावा किया गया है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के घोटालेबाजों का एक वाट्सएप बिग बॉस ग्रुप था, जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पुत्र चैतन्य बघेल, उनके मित्र पुष्पक समेत कई अधिकारी और नेता थे। इसे आप कार्टेल कहिए, माफिया कहिए या फिर प्रदेश को लूटने वाला सिंडिकेट—इनका मकसद षड्यंत्र पूर्वक, मनगढ़ंत कहानियां बनाना और कुछ अधिकारियों के खिलाफ दुष्प्रचार करना था।
ईडी ने दावा किया है कि यह ग्रुप षड्यंत्र और दुष्प्रचार का बड़ा अड्डा था, खास कर ऐसे अधिकारियों के ख़िलाफ़ जो इनके दबाव में नहीं आते थे। जहां कांग्रेस का दावा था कि ये लोग एक दूसरे को जानते तक नहीं। इस सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ को हर स्तर पर तबाह करने का काम किया। चाहे जनता की मेहनत की कमाई की लूट हो या पूरे सरकारी तंत्र को भ्रष्ट करना। जो ईमानदार अधिकारी झुके नहीं उन्हें अपमानित और प्रताड़ित करने में इस सिंडिकेट ने सारी हदें पार कर दी। इससे ना केवल राष्ट्रीय स्तर पर राज्य की छवि धूमिल हुई बल्कि करोडों छत्तीसगढ़ वासियों के मन में भी बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
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ग्रुप चैट से सिद्ध होता है, ना केवल जानते थे बल्कि मनगढ़ंत, झूठी कहानियां गढ़कर दुष्प्रचार करते थे। चार्जशीट में साफ दर्ज है कि वरिष्ठ अधिकारी (जैसे अनिल टूटेजा, अरुण पति त्रिपाठी, सौम्या चौरसिया आदि), राजनेता (अनवर धेबर, कावासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पुत्र चैतन्य भघेल और उनके मित्र पुष्पक आदि) और ठेकेदार/डिस्टिलरी मालिक मिलकर अवैध कमीशन वसूली और नकली-अनअकाउंटेड शराब बेचने का पूरा तंत्र चला रहे थे। यह कोई मामूली खेल नहीं था—हज़ारों करोड़ रुपये का सीधा घोटाला था। इनकी पूरे राज्य को हाईजैक करने की साज़िश थी।
ईडी ने स्पष्ट किया है कि किस तरह ये लोग षड्यंत्र रचते थे और एक विवादित आईपीएस की ‘प्रसिद्ध कल्पनायो पर आधारित डायरी’को भी अपने एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते थे। बिग बॉस गैंग ने इसी डायरी को अपना टूल बनाकर अधिकारियों के ख़िलाफ़ षड्यंत्र रचने का काम किया।