RUDRAPRAYAG NEWS. सख्ती के साथ केदारनाथ यात्रा के दूसरे चरण में हेलीकॉप्टर सेवा फिर शुरू होने जा रही है। 15 सितंबर से गुप्तकाशी, फाटा और शेरसी से छह हेली कंपनियों के सात हेलीकॉप्टर केदारनाथ के लिए उड़ान भरेंगे। अब हर हेलीकॉप्टर को दिन में तीन उड़ान भरने की ही अनुमति होगी। हर उड़ान के बाद हेलीकॉप्टर की जांच भी अनिवार्य होगी। भारतीय मौसम विभाग और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) तकनीकी मदद देंगे।
इस दौरान सभी तीनों हेलीपैड गुप्तकाशी, फाटा और सेरसी पर पीटीजेड कैमरे (पैन टिल्ट जूम कैमरा), वीएचएफ (वेरी हाई फ्रीक्वेंसी) सिस्टम और सीसीटीवी निगरानी होगी। यानी हेलीकॉप्टर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रहेंगे। डीजीसीए और यूकाडा खुद हर उड़ान पर नजर रखेंगे। उड़ानें सीमित किए जाने से टिकट महंगे कर दिए गए हैं। इसका यात्रियों की जेब पर असर भी पड़ेगा।
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इस बार टिकट किराया 45% से ज्यादा बढ़ा है। गुप्तकाशी से केदारनाथ के लिए 12,444 रुपए, फाटा से 8,842 रुपए और सेरसी से 8,839 रुपए खर्च करने होंगे। पहले यह किराया क्रमश: 8,532, 6,062 और 6,060 रुपए था। यूकाडा के सीईओ आशीष चौहान के मुताबिक, हेलीकॉप्टर सेवा को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए तकनीकी की मदद ली जा रही है।
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पहले चरण में हेली कंपनियों की मनमानी हावी थी। आठ हेली कंपनियों के नौ हेलीकॉप्टर ने अलग-अलग हेलीपैड से केदारनाथ के लिए रोज औसतन 250 उड़ान भरीं, जो रिकाॅर्ड है। हालात ये थे कि 4 से 6 जून तक तीन दिनों में नौ हेलीकॉप्टरों ने 700 उड़ानें भरीं थी। हेलीकॉप्टर 10 से 12 घंटे तक उड़ान भरते थे और एक-एक घंटे में 9 से 10 तक उड़ान भरी गई।