BILASPUR NEWS. रेलवे कोचिंग डिपो में OHE तार की चपेट में आकर झुलसे श्रमिक के इलाज और आर्थिक मदद की मांग को लेकर अब आंदोलन तेज हो गया है। जांजगीर-चांपा जिले के मुलमुला निवासी ठेका श्रमिक प्रताप वर्मन 23 अगस्त को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के कोच की मरम्मत कर रहे थे। इसी दौरान अचानक करंट की चपेट में आने से वह गंभीर रूप से झुलस गए। उनकी हालत फिलहाल अपोलो अस्पताल में नाजुक बनी हुई है।
हादसे के बाद से अब तक न तो रेलवे प्रशासन और न ही ठेकेदार ने प्रताप वर्मन और उसके परिवार को किसी तरह की आर्थिक मदद दी है। इसी लापरवाही के खिलाफ परिजनों और समाज के लोगों ने एकजुट होकर DRM ऑफिस का घेराव कर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने नारेबाजी कर घायल श्रमिक के इलाज का पूरा खर्च रेलवे से उठाने, परिवार को मुआवजा और नौकरी देने की मांग की।
आक्रोशित लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द मदद नहीं दी गई तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि रेलवे में काम के दौरान सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन श्रमिक की सुरक्षा के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं है। बिना बिजली सप्लाई बंद किए प्रताप को कोच पर चढ़ा देने से यह हादसा हुआ।
लोगों ने रेलवे अफसरों पर ठेकेदार को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में अफसर और ठेकेदार दोनों की लापरवाही सामने आई है। हादसे की जवाबदेही तय कर दोषियों पर कार्रवाई और ठेका कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की जा रही है। फिलहाल प्रताप वर्मन जीवन और मौत के बीच जूझ रहे हैं और परिजनों के साथ समाज के लोग न्याय और मदद की उम्मीद में आंदोलन की राह पर हैं।