NEW DELHI NEWS. चुनाव आयोग ने आज यानी 17 अगस्त को प्रेस कांफ्रेस में बिहार में एसआईआर को लेकर राहुल गांधी के आरोपों का जवाब दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने साफ तौर पर कहा कि या तो हलफनामा देना होगा या देश से माफ़ी मांगनी होगी। कोई तीसरा विकल्प नहीं है। अगर 7 दिनों के अंदर हलफनामा नहीं मिलता है तो इसका मतलब है कि ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं।
अपनी प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि मतदाता सूची को शुद्ध करना एक साझा ज़िम्मेदारी है, लेकिन बिहार में चूंकि हमारे बूथ लेवल अधिकारियों ने बूथ लेवल एजेंटों और राजनीतिक दलों के साथ मिलकर काम किया। शायद इसीलिए 1 अगस्त के बाद से किसी भी राजनीतिक दल ने एक भी आपत्ति दर्ज नहीं कराई है। इसके दो ही मतलब हो सकते हैं – क्या मसौदा सूची पूरी तरह से सही है? जिसे चुनाव आयोग नहीं मानता, चुनाव आयोग कह रहा है कि इसमें ग़लतियां हो सकती हैं, इसे शुद्ध करते हैं, अभी 15 दिन बाकी हैं, अगर 1 सितंबर के बाद भी उसी तरह के आरोप लगने शुरू हुए, तो कौन ज़िम्मेदार है? हर मान्यता प्राप्त पार्टी के पास अभी 15 दिन बाकी हैं… मैं सभी राजनीतिक दलों से आह्वान करता हूं कि 1 सितंबर से पहले इसमें त्रुटियां बताएं चुनाव आयोग उन्हें सुधारने के लिए तैयार है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि पिछले 20 सालों में SIR नहीं किया गया… SIR का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध करना है. राजनीतिक दलों से कई शिकायतें मिलने के बाद SIR किया जा रहा है।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि सवाल था कि आप कुछ लोगों से फॉर्म 7 और कुछ लोगों से शपथ पत्र क्यों मांग रहे हैं, इसका जवाब है कि लोक प्रतिनिधित्व कानून, जो सभी के लिए समान है, में यदि आप उस निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक हैं, तो आपको समय पर शिकायत करने का पूरा अवसर मिलता है, आप फॉर्म 6, फॉर्म 7, फॉर्म 8 भर सकते हैं… बशर्ते आप उस विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक हों।
लेकिन यदि आप वहां के निर्वाचक नहीं हैं और आप अपनी शिकायत को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो आपके पास कानून में केवल एक ही विकल्प है और वह है निर्वाचन नियमों का पंजीकरण, नियम संख्या 20 उपखंड 3 उपखंड बी जो कहता है कि यदि आप उस विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक नहीं हैं, तो आप एक गवाह के रूप में अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी को आपको शपथ देनी होगी और वह शपथ उस व्यक्ति के सामने एडमिनिस्टर करानी होगी जिसके खिलाफ आपने शिकायत की है। यह कानून सभी पर समान रूप से लागू है।”
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “जहां तक पश्चिम बंगाल के SIR की तारीख का सवाल है तो हम तीनों कमिश्नर उचित समय देखकर निर्णय लेंगे, चाहे वह पश्चिम बंगाल में हो या देश के अन्य राज्यों में, आने वाले समय में इसकी तारीखों की घोषणा की जाएगी।”