BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील की व्यवस्था को लेकर एक गंभीर मामला सामने आया है। कांकेर जिले के एक स्कूल में बच्चों को ऐसा भोजन परोसा गया जिसे पहले कुत्ता खा चुका था। इस मामले पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और इस अमानवीय व्यवहार पर कड़ी फटकार लगाई है।
बता दें, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राकेश मोहन पांडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि यह बच्चों की जान से खिलवाड़ है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि किसी बच्चे को रेबीज हो गया तो उसका इलाज संभव नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बच्चों को ऐसा खाना परोसना उनकी गरिमा का अपमान नहीं है?
कोर्ट ने कहा, बच्चों को मिड-डे मील गरिमा के साथ और स्वच्छता के मानकों पर देना अनिवार्य है। यदि किसी छात्र को इस लापरवाही के कारण नुकसान होता है, तो इसके लिए पूरी जवाबदेही तय होनी चाहिए।कोर्ट ने राज्य के शिक्षा सचिव से इस पूरे मामले में 19 अगस्त तक विस्तृत जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
क्या है मामला
कांकेर के एक प्राथमिक विद्यालय में मिड-डे मील में परोसे गए खाने को पहले एक कुत्ता खा चुका था, लेकिन इसके बावजूद वह खाना बच्चों को दे दिया गया। इस घटना की जानकारी स्थानीय मीडिया और सामाजिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से सामने आई। इस घटना ने मिड-डे मील की निगरानी और स्वच्छता व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि ऐसी घटनाएं आखिर कैसे हो रही हैं और भविष्य में इनसे निपटने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।