NEW DELHI NEWS. देश की धरती एक बार फिर डोली है। दरअसल, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में आज यानी 10 जुलाई को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर जिले में था और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 दर्ज की गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक भूकंप 10 जुलाई 2025 को सुबह 9:04 बजे आया, जिसकी गहराई 10 किलोमीटर बताई गई है। हरियाणा के सोनीपत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
जानकारी के अनुसार 10 जुलाई की सुबह 9 बजकर 5 मिनट पर धरती कुछ सेकंड तक हिली। इसके अलावा, यूपी के मेरठ और हापुड़ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। दिल्ली एनसीआर में समय-समय पर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं, लेकिन अक्सर इनका केंद्र दिल्ली से दूर, कभी-कभी अफगानिस्तान तक होता है. दिल्ली भूकंप के लिहाज से संवेदनशील जोन IV में आता है। यह भारत में भूकंपीय दृष्टि से दूसरी सबसे अधिक सक्रिय श्रेणी मानी जाती है। इस कारण राजधानी में हल्के या मध्यम तीव्रता के झटकों की संभावना हमेशा बनी रहती है।
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भूकंप ये झटके तकरीबन 10 सेकेंड तक महसूस किए गए हैं। दिल्ली और उससे सटे नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, रोहतक और सोनीपत में भी सुबह 9.04 आसपास भूकंप आया है। ऐसे में जब भूकंप आया तो ये बड़ी-बड़ी बिल्डिंग झूलने लगी, जिससे लोग और भी ज्यादा डर गए. लोगों के पंखे हिलने लगे और लाइट्स हिलने लगीं। पश्चिमी यूपी में बुधवार से ही तेज बारिश भी हो रही है और आज सुबह जब लोग उठे तो उन्हें भूकंप ने डरा दिया। हालांकि अभी तक किसी जगह से किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं आई है।
यहां सबसे ज्यादा आते हैं भूकंप
भारत में जो सबसे ज्यादा भूकंप आते हैं, वो इलाके हैं हिमालय पर्वत और इसके आसपास के क्षेत्र। रिपोर्ट की मानें तो करीब चार करोड़ साल पहले भारतीय उपमहाद्वीप यहीं पर यूरेशियाई प्लेट से टकरा गया था और तभी हिमालय पर्वत का निर्माण हुआ था, इसीलिए हर साल हिमालय भी एक सेंटीमीटर ऊपर की ओर उठ रहा है। यही वो हलचल है, जिस वजह से भूकंप आते हैं। हिमालय के आसपास में पड़ने वाले क्षेत्र जैसे कि हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम, उत्तराखंड और उत्तर पश्चिम के राज्यों में सबसे ज्यादा भूकंप आते हैं।
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दिल्ली में हाई रिस्क भूकंप जोन
भूकंप के मामले में अगर राजधानी दिल्ली के संवेदनशील इलाकों की बात की जाए तो पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार बताया गया था कि अगर कोई तेज भूकंप आता है तो पूर्वी दिल्ली समेत यमुना और उसके बाढ़ के मैदानों में सबसे ज्यादा खतरा रहता है। लुटियंस क्षेत्र जहां पर दिल्ली का संसद भवन है, दिल्ली यूनिवर्सिटी, जनकपुरी, रोहिणी, करोल बाग, उत्तरी परिसर, सरिता विहार, पश्चिम विहार, शकरपुर, गीता कॉलोनी, जनकपुरी ये सब हाई रिस्क वाले इलाके हैं।