NEW DELHI NEWS. कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा शुरू हो चुकी है। और बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तीसरा जत्था रवाना हो गया है। जानकारी के अनुसार पहले दिन शाम 7.15 बजे तक 12,348 श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में हिम शिवलिंग के दर्शन किए। कड़ी सुरक्षा के बीच 5200 से ज्यादा तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था 3 जुलाई की शाम जम्मू के भगवतीनगर बेस कैंप से रवाना हुआ, जो शुक्रवार दोपहर 2 बजे पहलगाम बेस कैंप पहुंच गया। 6400 यात्रियों को लेकर तीसरा जत्था आज सुबह सुबह 4 बजे अमरनाथ गुफा के लिए रवाना हुआ।
वहीं, आतंकी हमले की आशंका पर अमरनाथ यात्रा इस बार और ज्यादा कड़ी सुरक्षा में की जा रही है। इस रूट को और ज्यादा सुरक्षित बनाते हुए जम्मू कश्मीर सरकार ने पूरे रास्ते को नो फ्लाइंग जोन घोषित कर दिया है। हालांकि नो फ्लाइंग जोन का यह कोई पहला मामला नहीं है। बतादें कि पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा को बहुत सेंसेटिव माना जा रहा है, इसीलिए इसके रूट पर नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है। इसके अलावा देश में कई और संस्थान और भवन हैं जिनके ऊपर से या आसपास विमानों, हेलीकॉप्टर या फिर ड्रोन के उड़ान भरने की मनाही है।
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अमरनाथ यात्रा आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 581 अलग-अलग सुरक्षा कंपनियों का चाक-चौबंद बंदोबस्त किया गया है। इसमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी, आईबीटीपी और सीआईएसएफ समेत सुरक्षा बलों के जवान तैनात किए गए हैं। बालटाल से लेकर गुफा तक के मार्ग पर हर दो किलोमीटर पर मेडिकल कैंप लगाए हैं। बीच में कई जगहों पर गोदाम भी चालू कर दिए गए हैं। इस साल गुफा की ओर जाने वाले रास्ते पर चार स्टैंड बनाए गए हैं, जबकि पैदल, घोड़े पर और पालकी में जाने वाले श्रद्धालुओं के रास्ते भी अलग-अलग बनाए गए हैं।
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श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हर 50 मीटर पर एक जवान तैनात है। मुंबई से आए तीर्थयात्री प्रसाद ठाकुर ने कहा कि जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं था उनका भी बहुत जल्दी रजिस्ट्रेशन हो गया है। आज 70 से 80 हजार तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए होंगे। भंडारे में खाने का अच्छा इंतजाम है। शौचालय से लेकर रहने तक की सारी व्यवस्था बढ़िया हैं। बता दें कि इस साल अब तक 3.5 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। तुरंत रजिस्ट्रेशन के लिए जम्मू में सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा में सेंटर खोले गए हैं। ये सेंटर रोज दो हजार श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं।
देश के इन इलाकों में भी ना फ्लाइंग जोन
बता दें कि किसी भी जगह को नो फ्लाइंग जोन घोषित करने का उद्देश्य उसकी सुरक्षा और वहां के लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना होता है. ऐसे में कुछ ऐतिहासिक और जरूरी इमारतों को सरकार ने नो-फ्लाइंग जोन घोषित कर रखा है, जहां ड्रोन आदि उड़ाने की बिल्कुल इजाजत नहीं है। देश में राष्ट्रपति भवन, आंध्र प्रदेश का तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर, संसद भवन, ताजमहल, स्वर्णं मंदिर, प्रधानमंत्री आवास को नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है. इसके अलावा भारतीय वायुसेना का केंद्र, एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुंबई, मथुरा रिफाइनरी, श्रीहरिकोटा स्पेस स्टेशन, पद्मनाभस्वामी मंदिर, द टावर ऑफ साइलेंस को भी नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है।