BALODABAZAR NEWS. केंद्र सरकार की सबसे महत्वाकांछी योजनाओं में से एक प्रधानमन्त्री आवास योजना है। जिसके तहत ग्रामीण अंचल में रहने वाले गरीब पात्र हितग्राहियों को पक्के मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रूपये दिए जाते है। अब उन्ही पैसे को हितग्राहियों को देने के एवज में गाँव के ही रोजगार सहायक ने 20-20 हजार की डिमांड रख दी। इतना ही नहीं किश्त निकालने के एवज में बकरे की भी मांग कर दी। मामला कसडोल जनपद का है।

केंद्र सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार को पक्का मकान देने के लिए वचनबद्ध हो कर लगातार सर्वे करा रही है। गरीब तबके के लोगों को मुफ्त में प्रधानमंत्री आवास दे रही हैं। वहीं कसडोल जनपद के बिलारी गाँव के रोज़गार सहायक गौरीशंकर पैकरा प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित गरीब परिवारों से मोटी कमीशन की मांग कर रहे हैं।

पीएम आवास योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को मिलने वाले 1 लाख 20 हजार में से 20 हजार कमीशन की मांग की जा रही है। कई ग्रामीणों ने दिए भी और जिसने नहीं दिया उनका किश्त ही रोक दिया गया। हालाकि मीडिया के सामने कुछ लोगों ने कुछ भी कहने से मना किया तो कुछ ने खुलकर रिश्वत की बात कबूली। गाँव के ग्रामीण रामायण यादव बेहद गरीब हैं, साथ बीते साल एक सड़क हादसे के चलते वो चल भी नहीं पा रहे।

रोजगार सहायक गौरीशंकर पैकरा ने मांगी 20 हजार की रिश्वत
रामायण बताते हैं कि उनकी 2 किश्त तो मिली लेकिन आखरी के किश्त में रोजगार सहायक गौरीशंकर पैकरा ने उनसे 20 हजार की रिश्वत मांगी, लेकिन रामायण ने रिश्वत नहीं दी, जिसके कारण आज तक उनका तीसरा किश्त उनको नहीं दिया गया। वहीं गाँव में रहने वाले चैनसिंह बताते हैं कि उनके किश्त के लिए 20 हजार मांग की गयी थी और जब पैसे दिए तब जाकर उनके पूरे किश्त मिल पाया। वही चैनसिंग के छोटे भाई चैनु ने भी कैमरे के सामने बताया कि 20 हजार की रिश्वत देने के बाद ही पीएम आवास का किश्त मुझे मिला।

हद तो तब हो गयी, जब गाँव की महिला एहमन यादव जो बकरी चराने का काम करती है, जब महिला ने रोजगार गारंटी के पैसे निकलवाने कहा तो रोजगार सहायक ने पैसों के बदले बकरे की डिमांड कर दी। एहमन ऑफ कैमरा बताती है की उसके किश्त तो मिल गए लेकिन रोजगार गारंटी के पैसे निकलवाने की पारी आयी तो रोजगार सहायक ने बकरे की डिमांड रखी। नहीं देने पर आज तक उनको रोजगार गारंटी के पैसे का भुगतान नहीं हो पाया।
जियो टेगिंग करने वाले आवास मित्रों को भी धमकी
वहीं पूर्ण मकान का जियो टेगिंग करने वाले आवास मित्रों को भी जब तक कमीशन नहीं दे देते तब तक जियो टेगिंग मत करना करके उसे भी धमकाता है। साथ ही रोजगार गारंटी योजना में अपने खून पसीना बहाकर काम करने वाले लोगों से भी कमीशन मांग करता हैं। सवाल यह उठता है कि ऐसे कमीशन खोर रोजगार सहायक को आखिर विभाग क्यों सरंक्षण दे रहा हैं? जबकी रोजगार गारंटी योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना में किसी भी व्यक्तियों को कमीशन नहीं देने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है और उनके श्रम का पैसा उनके खातों मे जमा किया जाना है ।

वही ग्रामीणों ने बताया कि रोजगार सहायक पूरे दिन शराब के नशे में धुत्त रहता है। इस मामले पर गाँव के सरपंच प्रतिनिधि निर्मल कमलवंशी ने बताया कि उन्हे इस बात की जानकारी है। उन्होंने बताया की गाँव के पीएम के हितग्राहियों ने उनसे शिकायत भी की थी, लेकिन रोजगार सहायक नशे में धुत्त रहता है। वहीं इस पूरे मामले में कसडोल जनपद के सीईओ कमलेश साहू ने कड़ी कार्यवाही की बात कही है।