NEW DELHI NEWS. भारतीय रेलवे जल्द ही तत्काल टिकट बुकिंग के लिए ई-आधार सत्यापन की सुविधा शुरू करेगा। जिससे असली यात्री तत्काल टिकट की सुविधा का उपयोग कर सकेंगे। रेलवे का दावा है कि इससे रेलवे में टिकट को लेकर चल रहे फर्जीवाड़े और कालाबाजारी को खत्म कर दिया जाएगा। इससे केवल जरूरत मंद और असली यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिल पाएगा। रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि अब केवल सत्यापित और असली यूजर्स ही तत्काल टिकट बुकिंग सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
रेलवे की इस नई सुविधा के लिए यात्रियों को सबसे पहले आधार से अपना मोबाइल नंबर लिंक कराना होगा। इसके बाद टिकट बुक करते समय मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा। ओटीपी को IRCTC वेबसाइट पर डालकर वेरिफेकेशन पूरा करना होगा। इसके बाद यूजर्स को टिकट बुक करने की सुविधा मिल जाएगी। वहीं दूसरा IRCTC की लेटेस्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग-आधारित बॉट डिटेक्शन टेक्निक्स ऐसे फर्जी अकाउंट्स की पहचान करती है और उन्हें बुकिंग सिस्टम को रोकने से पहले ही खत्म कर देती है।
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इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर देते हुए कहा कि भारतीय रेलवे जल्द ही तत्काल टिकट बुकिंग के लिए ई-आधार सत्यापन की शुरुआत करेगा। इससे जरूरत के समय वास्तविक यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिलना आसान होगा। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य दलालों पर रोक लगाना और असली यात्रियों को प्राथमिकता देना है।
IRCTC के अनुसार इस पहल के पॉजिटिव नतीजे पहले ही सामने आ चुके हैं, IRCTC प्लेटफॉर्म पर नए यूजर आईडी बनाने की तादाद अब घटकर केवल 10,000 से 12,000 रह गई है, जिससे सिस्टम पर लोड कम हुआ और टिकट बुकिंग सिस्टम पहले से बेहतर है। दरअसल, IRCTC वेबसाइट पर तत्काल टिकट बुकिंग कराने के लिए लोग रोजाना परेशान होते हैं। सुबह- सुबह जब लोग टिकट बुक करते थे तो वेबसाइट हैंग होने की समस्या सामने आती है।
बता दें कि तत्काल टिकटों की कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए आईआरसीटीसी ने 2.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी को बंद (डिएक्टिवेट) कर दिया है। ये आईडी ऐसे लोग या एजेंट्स चला रहे थे, जो नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। रेल मंत्रालय के प्रवक्ता दिलीप कुमार ने बताया कि रेलवे ने अपनी टिकट बुकिंग प्रणाली को पूरी तरह डिजिटली मॉडर्नाइज कर दिया है। अब वेबसाइट पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित एंटी-बॉट सिस्टम लगाया गया है, जो फर्जी और ऑटोमेटिक बुकिंग करने वाले बॉट्स को तुरंत पहचान कर ब्लॉक कर देता है।
गौरतलब है कि रेलवे को पिछले 5 महीनों में 2.9 लाख संदिग्ध पीएनआर का पता चला था। ये वो सामान्य और तत्काल टिकट थे, जिसे बुकिंग शुरू होने के 5 मिनट के अंदर खरीदे गए थे। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक जनवरी से मई 2025 में 2.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी बंद कर दी गई है। इनमें से कई खाते एजेंटों या सॉफ्टवेयर से जुड़े थे, जो सिस्टम में खामियों का फायदा उठा रहे थे।