NEW DELHI NEWS. आतंकियों और उनके पनहगारों के खिलाफ भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। भारत की इस कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने लगातार सीजफायर कर रहा है। इस बार भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने तुर्की के ड्रोन का इस्तेमाल किया। इसका मकसद भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की जानकारी हासिल करना था। सेना को ड्रोन को मार गिराया था, इनकी जांच की जा रही है। सोंगर को तुर्की का पहला स्वदेशी सशस्त्र ड्रोन सिस्टम कहा जाता है। इसे तुर्की की राजधानी अंकारा की डिफेंस कंपनी असीसगार्ड ने बनाया है। 2019 से सर्विस में आने वाला सोंगर एक मानव रहित लड़ाकू हवाई वाहन (UAV) है जिसे ऑटोमेटिक और रिमोट, दोनों तरह के क्षेत्रों में इस्तेमाल के लिए डिजाइन किया गया है। यही वजह है कि सीमा पार इसका इस्तेमाल करने से दुश्मन देश को फायदा होता है।
दरअसल, सोंगर को ऑटोमेटिक मशीन गन, मिनी मिसाइलों और 81 मिमी मोर्टार राउंड से लैस किया जा सकता है, जिससे यह वाहनों और किलेबंद ठिकानों सहित कई तरह के लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम हो जाता है। कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया था कि पाकिस्तान ने 8 और 9 मई की रात को भारत पर हमला करने के दौरान 36 जगहों पर 300 से 400 तुर्की ड्रोन का इस्तेमाल किया था, जिसे नष्ट कर दिया था और जांच चल रही है।
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इस ड्रोन का बनाने वाली कंपनी का कहना है कि ड्रोन को दिन और रात दोनों समय इस्तेमाल किया जा सकता है। यह 5 किलोमीटर की दूरी तक रियलटाइम में वीडियो को कैप्चर कर लेता है। यही वजह है कि पाकिस्तान ने भारत के एयर डिफेंस की जानकारी लेने के लिए इसका इस्तेमाल किया। कंपनी का दावा है कि इसे हैंडल करना आसान है। मिशन के दौरान इसे दो तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। पहला मैनुअली और दूसरा ऑटोमेटिक, इसे बनाने वाली कंपनी ने यह भी दावा किया है कि इसका ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम यूजर फ्रेंडली बनाया गया है जिससे इसे हैंडल करना आसान है।
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जानिए इसकी खासियत
सोंगर ऑपरेटर्स को रियल-टाइम वीडियो और टेलीमेट्री डेटा भेजता है, जिससे लाइव निगरानी, लक्ष्य का पता लगाना और मिशन के बाद विश्लेषण करना संभव हो जाता है यह सभी मौसमों, दिन-रात के संचालन के लिए डेलाइट और इन्फ्रारेड दोनों कैमरों से लैस है। सोंगर ड्रोन ग्रुप में काम कर सकते हैं और एक साथ, अलग-अलग दिशाओं से हमले करके दुश्मन की सुरक्षा को ध्वस्त कर सकते हैं. 8 मई के हमले में ऐसा ही देखा गया है। सोनगर ड्रोन्स हथियार ले जाने में सक्षम यूएवी यानी मानव रहित हवाई वाहन हैं जिसे तुर्की की डिफ़ेंस फ़र्म आसिसगॉर्ड ने डिज़ाइन और विकसित किया है।
तुर्की की सैन्य साजो सामान बनाने वाली फ़र्म आसिसगॉर्ड की वेबसाइट के अनुसार, सोनगार के पास टार्गेट को पहचानने और उसे नष्ट करने की विशेष क्षमता है और यह तुर्की का पहला राष्ट्रीय हथियारबंद ड्रोन सिस्टम है। इसे 2020 में पहली बार तुर्की की सशस्त्र सेना में सामिल किया गया। दावा है कि सोनगार का इस्तेमाल बॉर्डर और क्रॉस बॉर्डर सैन्य अभियानों में ज़मीन पर मौजूद वाहन से तालमेल के साथ छुपे हुए या प्रत्यक्ष ख़तरों के ख़िलाफ़ बड़ी संख्या में गोले दागने में किया जा सकता है। इसमें कैमरे लगे होते हैं जिससे इसे निगरानी और रियल टाइम तस्वीरें हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा ज़रूरत पड़ने पर हमले के लिए भी प्रभावी तरीक़े से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी रेंज 5 से 10 किलोमीटर तक है और इसमें स्वतः उड़ान भरने और लैंड करने की भी क्षमता है।
खुफिया जानकारी जुटने के लिए परफेक्ट
असीसगार्ड का दावा है कि कभी भी इससे रिकॉर्डिंग और ऑन या ऑफ की जा सकती है। इतना ही नहीं, रिकॉर्ड हुए वीडियो को किस तरफ से देखना है, इसका फीचर भी इसमें मिलता है। ड्रोन 45 किलोग्राम वजन उठाकर उड़ान भर सकता है. यह 25-30 मिनट (पेलोड के बिना) उड़ सकता है। इसके ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन से इसकी परिचालन सीमा 3-5 किमी है. यह समुद्र तल से 2,800 मीटर और ज़पमीन से 400 मीटर की ऊंचाई पर काम कर सकता है।