मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एके प्रसाद के बेंच में हुई। याचिका में बताया कि पुलिस ने 25 अप्रैल 2024 को एफआईआर दर्ज किया है इसमें क्या हुआ, पुलिस ने आजतक कोई जानकारी नहीं दी है।
BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने पेंडेंसी को लेकर जमकर नाराजगी जताई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अफसर बॉलीवुड स्टार नहीं है जो रोज पेपर में फोटो छपे जो काम है उनका वो पूरा करें। कोर्ट ने डीजीपी को कनेक्ट कर ऑनलाइन उपस्थिति का निर्देश जारी किया था लेकिन बाद में एडिशनए एजी के अनुरोध पर अपना आदेश वापस लिया।
बता दें, मामला सक्ती जिले के डभरा थाना का है। जहां पर 25 अप्रैल 2024 को एक मामला दर्ज किया गया। याचिकाकर्ता आरोपी के खिलाफ पुलिस ने धारा 120बी, 408, 420 के तहत एफआईआर दर्ज किया। एफआईआर को चैलेंज करते हुए आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एके प्रसाद के बेंच में हुई। याचिका में बताया कि पुलिस ने 25 अप्रैल 2024 को एफआईआर दर्ज किया है इसमें क्या हुआ, पुलिस ने आजतक कोई जानकारी नहीं दी है।
8 महीने से यह मामला पेंडिंग है। आठ महीने से जांच अधूरी है। इतने लंबे समय से जांच को पेंडिंग रखने के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए एक आरोपी ने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के बेंच में हुई। उन्होंने सुनवाई के दौरान केस पेंडेंसी को लेकर अफसरों को जमकर फटकार लगाई और नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अफसरों की रोज मीडिया में फोटो छप रही है जो काम उनकी ड्यूटी में शामिल है वहीं नहीं कर रहे है। उन्होंने यह भी कहा कि अफसर अपने आपको बॉलीवुड स्टार समझते हैं क्या, वे कोई बॉलीवुड स्टार नहीं है जो पलक छपकते ही काम पूरा कर लेंगे।
अफसरों को लगाई फटकार
याचिकाकर्ता व आरोपी के जवाब को सुनने के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार का पक्ष रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता से पूछा कि प्रदेश में यह क्या हो रहा है हर मामले में कुछ इसी तरह की स्थिति सामने आ रही है। एसपी से लेकर जांच अफसर को किसी से कोई मतलब नहीं है। इसी तरह से मामले बढ़ रहे है मीडिया में अफसरों की फोटो छप रही है वे अपना काम ठीक से नहीं कर रहे है। पीड़ित और आरोपी ही कोर्ट के सामने आकर अपनी परेशान बता रहे हैं।
हाईकोर्ट की पेंडेंसी पर टिप्पणी, कहा अधिकारी बॉलीवुड स्टार नहीं जो रोज पेपर में फोटो छपती है जो काम है वो करें, जानें पूरा मामला
BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने पेंडेंसी को लेकर जमकर नाराजगी जताई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अफसर बॉलीवुड स्टार नहीं है जो रोज पेपर में फोटो छपे जो काम है उनका वो पूरा करें। कोर्ट ने डीजीपी को कनेक्ट कर ऑनलाइन उपस्थिति का निर्देश जारी किया था लेकिन बाद में एडिशनए एजी के अनुरोध पर अपना आदेश वापस लिया।
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बता दें, मामला सक्ती जिले के डभरा थाना का है। जहां पर 25 अप्रैल 2024 को एक मामला दर्ज किया गया। याचिकाकर्ता आरोपी के खिलाफ पुलिस ने धारा 120बी, 408, 420 के तहत एफआईआर दर्ज किया। एफआईआर को चैलेंज करते हुए आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एके प्रसाद के बेंच में हुई। याचिका में बताया कि पुलिस ने 25 अप्रैल 2024 को एफआईआर दर्ज किया है इसमें क्या हुआ, पुलिस ने आजतक कोई जानकारी नहीं दी है।
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8 महीने से यह मामला पेंडिंग है। आठ महीने से जांच अधूरी है। इतने लंबे समय से जांच को पेंडिंग रखने के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए एक आरोपी ने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के बेंच में हुई। उन्होंने सुनवाई के दौरान केस पेंडेंसी को लेकर अफसरों को जमकर फटकार लगाई और नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अफसरों की रोज मीडिया में फोटो छप रही है जो काम उनकी ड्यूटी में शामिल है वहीं नहीं कर रहे है। उन्होंने यह भी कहा कि अफसर अपने आपको बॉलीवुड स्टार समझते हैं क्या, वे कोई बॉलीवुड स्टार नहीं है जो पलक छपकते ही काम पूरा कर लेंगे।
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अफसरों को लगाई फटकार
याचिकाकर्ता व आरोपी के जवाब को सुनने के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार का पक्ष रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता से पूछा कि प्रदेश में यह क्या हो रहा है हर मामले में कुछ इसी तरह की स्थिति सामने आ रही है। एसपी से लेकर जांच अफसर को किसी से कोई मतलब नहीं है। इसी तरह से मामले बढ़ रहे है मीडिया में अफसरों की फोटो छप रही है वे अपना काम ठीक से नहीं कर रहे है। पीड़ित और आरोपी ही कोर्ट के सामने आकर अपनी परेशान बता रहे हैं।