CHHATTISGARH. छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों पर एक बार फिर सरकार शिकंजा कसने जा रही है। छत्तीसगढ़ के अलावा अब दूसरे राज्यों में भी इन धोखेबाजों की तलाश की जाएगी। सरकार दूसरे राज्यों में चिटफंड कंपनियों की खरीदी गई 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्तियों को कुर्क करेगी।
अगर वहां की स्थानीय प्रशासन ने संपत्ति को पहले से कुर्क कर लिया है, तो उसे लोकल कोर्ट से अनुमति लेकर नीलाम कराया जाएगा। ताकि राज्य के 10 लाख से ज्यादा पीडितों को उनका डूबा पैसा मिल सके। सरकार ने निर्देश दिया है कि दूसरे राज्यों में चिटफंड कंपनियों की संपत्ति की जानकारी निकालकर वहां के कोर्ट में केस किया जाए। सरकार के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक जुनेजा ने इसकी तैयारी के लिए 33 जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखा है।
दरअसल, छत्तीसगढ़ में पिछले 4 साल में 65 धोखेबाज चिटफंड कंपनियों की 55 करोड़ की संपत्ति नीलाम की जा चुकी है और पैसा सरकार के खाते में आ गया है। इसमें से 81 हजार पीडितों के खाते में 38 करोड़ रुपए जमा भी किए गए हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राज्य में चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों की जानकारी निकाल ली गई है। 142 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई। अब चिटफंड कंपनियों के दूसरे राज्यों की संपत्ति को बेचकर पीडितों को पैसा लौटाने की तैयारी की जा रही है।
राज्य में 25 लाख से ज्यादा चिटफंड के पीड़ित है। अब तक सिर्फ 81 हजार लोगों को ही पैसा लौटाया गया है। बाकी लोगों को पैसा लौटाने का प्रयास किया जा रहा है। इस साल के आखिरी तक लगभग लोगों को पैसा लौटा दिया जाएगा।
प्रदेश में चिटफंड कंपनियों पर दर्ज हैं 462 केस
गौरतबल है कि प्रदेश में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ 462 केस दर्ज किया गया है। सरकार चिटफंड कंपनियों के खिलाफ 2015 में नया कानून लाई थी। इसलिए नए कानून के बाद दर्ज केस में संपत्तियों को कुर्क किया जा रहा है। कई ऐसी कंपनियां है, जिनके खिलाफ एक दर्जन थानों में केस दर्ज है।
अब तक इन कंपनियांे के 700 डायरेक्टर को गिरफ्तार किया गया है। अधिकांश डायरेक्टर जेल में है। किसी को अब तक सजा नहीं हुई है। जबकि 300 से ज्यादा डायरेक्टर और एजेंट की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है या फिर दूसरे राज्यों की जेल में बंद है। उनकी भी गिरफ्तारी की प्रयास किया जा रहा है।