NEW DELHI. यौन उत्पीड़न के आरोपी देश के कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने दिल्ली पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दायर आरोप पत्र के बावजूद पद छोड़ने से इनकार कर दिया है। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस ने विस्तृत जांच के बाद फेडरेशन प्रमुख के खिलाफ 1000 पेज का आरोप पत्र दायर किया है। इसमें 100 से अधिक लोगों से पूछताछ शामिल है।
सूत्रों ने कहा कि जिन लोगों से पूछताछ की गई, उनमें से 15 ने उन सात पहलवानों के पक्ष में गवाही दी, जिन्होंने बृज भूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इनमें पहलवानों के दोस्त और परिवार के लोग भी शामिल थे। उन पर यौन उत्पीड़न, पीछा करना, गलत तरीके से कैद करना और आपराधिक धमकी देने का आरोप लगाया गया है।
एक नाबालिग पहलवान के आरोपों के आधार पर उनके खिलाफ दूसरी एफआईआर दर्ज की गई है, जो POCSO अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने सबूतों की कमी का हवाला देते हुए POCSO मामले को रद्द करने का अनुरोध किया है। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कुश्ती महासंघ प्रमुख को 18 जुलाई को तलब किया है।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि आरोपी पर मुकदमा चलाने और उन्हें दंडित करने के लिए सबूत पर्याप्त हैं। बताते चलें कि इससे पहले सिंह ने सभी आरोपों से इनकार किया था और कहा था कि वह तभी पद छोड़ेंगे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहेंगे।
बताते चलें कि कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता पहलवानों ने इस साल की शुरुआत में बृज भूषण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। अप्रैल में वे सड़कों पर उतरे और जंतर-मंतर पर तब तक धरना देते रहे। मगर, बाद में उन्हें दिल्ली पुलिस ने वहां से बल प्रयोग कर जबरन हटा दिया था।
ओलिंपिक पदक विजेताओं को सड़क पर गिराए जाने और पुलिस द्वारा घसीटे जाने के वीडियो भी सामने आए थे। जिसके बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया था। इसके बाद सरकार ने हस्तक्षेप करते हुए पहलवानों से पुलिस की जांच पूरी होने तक इंतजार करने को कहा था।