दुर्ग। लंबे समय से नियमितीकरण की मांग को लेकर परेशान प्रदेशभर के मनरेगा कर्मचारी-अधिकारियों के साथ ही रोजगार सहायकों ने आंदोलन छेड़ दिए हैं। लगभग 11 दिन से राजधानी के लिए दांडी यात्रा कर रहे हैं। मनरेगा कर्मचारी महासंघ के मार्गदर्शन में आज दुर्ग से 50 लोगों की टीम दाण्डीयात्रा में शामिल होने बालोद ज़िले के ग्राम ओनाकोना पहुंचे थे।
जानकारी अनुसार आंदोलनकारियों की संख्या 15 हजार है। मांगों पर सरकार की अनदेखी से नाराज सभी कर्मचारी अपने जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि मांगों को लेकर दंतेवाड़ा से मनरेगा कर्मचारियों का एक दल दांडीयात्रा करते हुए रायपुर के लिए निकला है। इसमें 300 किलोमीटर की यात्रा 14 दिन में पूरी करने का निर्णय है। 11 दिनों की यात्रा पूरी हो चुकी है।
छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ की दो सूत्रीय मांगें हैं। एक मांग नियमितीकरण की है। संघ ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में जो वादा किया था। वादे के अनुरूप नियमित करने और नियमितीकरण की प्रक्रिया पूरी होने तक रोजगार सहायकों का ग्रेड पे निर्धारण करते हुए पंचायतकर्मी नियमावली लागू की जानी चाहिए।
छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के मार्गदर्शन में आज दुर्ग से 50 लोगों की टीम दाण्डीयात्रा में शामिल होने बालोद ज़िले के ग्राम पंचायत ओनाकोना पहुंचे। जहां एपीओ के मार्गदर्शन में पैदल यात्रियों का दुर्ग जिले की ओर से अभिवादन किया गया।
इस यात्रा में संघ के संरक्षक एपीओ, ज़िला अध्यक्ष दुर्ग अनिरुद्ध ताम्रकार, पीओ धमधा भूपेंद्र देवांगन, प्रवीण वर्मा, ज़िला उपाध्यक्ष असीम अनमोल, रोजगार सहायक अध्यक्ष संजय सोनवानी, (ज़िला अध्यक्ष रोजगार सहायक जीवेश सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी सम्मिलित हुए।
संंघ के अनुसार इस यात्रा का नेतृत्व सूरज सिंग ठाकुर व अजय सिंग क्षत्रिय कर रहे हैं। जानकारी दी कि दांतेवाडा से रायपुर तक पैदल यात्रा में आज 1200 से ऊपर कर्मचारी जुड़े़। मांगों को लेकर आंदोलनरत अधिकारी-कर्मचारियों में उत्साह है। नियमितीकरण और पंचायतकर्मी नियमावली लागू करने की मांग वे लगातार कर रहे हैं।
इधर जशपुर में जिला सरपंच संघ ने भी मनरेगा का भुगतान नहीं होने के कारण काम बंद करने का निर्णय किया है। इस संबंध में कलेक्टर को भी जानकारी दे दी गई है।