BILASPUR NEWS. मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SIR) अभियान में जहां प्रशासन तेज रफ्तार से काम पूरा कराने में जुटा है, वहीं इस दौड़ का बोझ अब मैदानी कर्मचारियों की सेहत पर पड़ने लगा है। रविवार को शहर में सर्वे कर रहीं महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर गीता कृष्णन अचानक बेहोश होकर गिर पड़ीं। डॉक्टरों ने कारण बताया—लगातार काम का दबाव और बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर।

उनके परिवार और सहयोगी कर्मचारियों का कहना है कि विभागीय कार्य, डिजिटल एंट्री, दस्तावेज सत्यापन और निर्वाचन ड्यूटी—इन सबकी एकसाथ जिम्मेदारी ने उन्हें कई दिनों से तनाव में रखा था। इसी बीच संभागीय कमिश्नर सुनील जैन और कलेक्टर संजय अग्रवाल बिलासपुर, बिल्हा और बेलतरा क्षेत्र के बूथों पर निरीक्षण के लिए उतरे।

निरीक्षण में एक बड़ा तथ्य सामने आया राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त BLA कई केंद्रों पर मौजूद ही नहीं थे। कमिश्नर ने साफ कहा कि BLO राजनीतिक दलों को उनके BLA की अनुपस्थिति की लिखित सूचना भेजें, ताकि जवाबदेही तय हो सके।

गांव–मुहल्लों में पैदल निकलकर कराया जागरूक
गोंडपारा, बिरकोना, हिरी समेत कई क्षेत्रों में अधिकारियों ने पदयात्रा करते हुए लोगों को गणना पत्रक भरने, दस्तावेज तैयार रखने और नाम जुड़वाने–हटवाने की प्रक्रिया समझाई। हिरी की BLO गीता मरकाम ने (मौके पर) एक मिनट के भीतर डिजिटाइजेशन कर अधिकारियों को प्रभावित किया। कमिश्नर ने उनकी कार्यकुशलता की सराहना भी की।

काम की रफ्तार ऊपर की, बोझ नीचे की
महिला सुपरवाइजर के बेहोश होने की घटना ने SIR अभियान की जमीनी हकीकत उजागर कर दी है—जहां ऊपर से समयबद्ध लक्ष्य, रिपोर्टिंग और फील्ड निरीक्षण की रफ्तार तेज है, वहीं BLO–कार्मिकों पर काम का दबाव लगातार बढ़ रहा है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि निर्वाचन कार्य की गंभीरता समझी जा सकती है, लेकिन मानवीय पहलू भी उतना ही जरूरी है





































