BILASPUR NEWS. बिलासपुर जिले के बेलतरा और सुकुलकारी गौशालाओं में मवेशियों की लगातार हो रही मौतों ने सरकारी व्यवस्था की पोल खोल दी है। स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक, गौशालाओं में सूखा चारा, गंदा पानी और बीमार पशुओं के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। इस लापरवाही का मामला जब छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट पहुंचा तो मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा ने राज्य सरकार से तुरंत स्पष्टीकरण मांगा और कड़ी नाराजगी जताई।

हाईकोर्ट ने पशुपालन विभाग की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट को “अधूरी और भ्रामक” बताया। अदालत ने टिप्पणी की —सिर्फ कागज़ी रिपोर्ट और शपथपत्रों से गायों की जान नहीं बचाई जा सकती, ज़मीन पर सुधार दिखना चाहिए। कोर्ट ने पाया कि रिपोर्ट में न तो गौशालाओं में मवेशियों की वास्तविक संख्या बताई गई है, न ही उनकी देखरेख से जुड़ी जानकारी।

जांच में क्या निकला
- गौशालाओं में चारा-पानी की नियमित व्यवस्था नहीं।
- बीमार मवेशियों के इलाज की अनदेखी।
- प्रबंधन और निगरानी की भारी कमी।
ग्रामीणों के अनुसार, बेलतरा में एक दर्जन से अधिक और सुकुलकारी में चार से पांच गायों की मौत हुई है।

हाईकोर्ट ने पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव को 27 अक्टूबर तक व्यक्तिगत हलफनामा देने का आदेश दिया है। अदालत ने संकेत दिया कि अगर रिपोर्ट संतोषजनक नहीं पाई गई, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ग्रामीणों का आरोप है कि गौशालाओं का संचालन सिर्फ कागज़ों में सही दिखाया जा रहा है, जबकि हकीकत बेहद दर्दनाक है। लोगों ने मांग की है कि लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए, ताकि आगे ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।





































