RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने मुस्लिम समाज के युवाओं से नवरात्रि पर्व पर आयोजित होने वाले गरबा महोत्सव में शामिल नहीं होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि नवरात्रि हिंदू समाज का एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है, जिसमें माता जगदंबा की आराधना की जाती है। इस उत्सव में करोड़ों श्रद्धालु आस्था के साथ गरबा और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज मूर्ति पूजा में आस्था नहीं रखता, इसलिए गरबा जैसे धार्मिक आयोजनों से दूर रहना चाहिए।
चेयरमैन डॉ. सलीम राज ने कहा कि रास-गरबा कोई साधारण नृत्य कार्यक्रम नहीं है। यह देवी दुर्गा की आराधना के लिए किया जाने वाला भक्तिपूर्ण लोकनृत्य है, जो जीवन के चक्र और देवी की असीम शक्ति का प्रतीक है। यदि मुस्लिम समाज मूर्ति पूजा में आस्था नहीं रखता है तो उन्हें गरबा जैसे धार्मिक आयोजनों से दूर रहना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई मुस्लिम भाई-बहन वेशभूषा और परंपरा का सम्मान करते हुए समिति से अनुमति लेकर भाग लेना चाहते हैं तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होगी।
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने कहा कि गलत नीयत से गरबा स्थलों में प्रवेश कर उपद्रव करने का प्रयास हिंदू समाज की भावनाओं को आहत करता है, जिससे सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुंच सकती है। उन्होंने मुस्लिम युवाओं से अपील की कि वे नवरात्रि उत्सव के दौरान ऐसे पवित्र धार्मिक आयोजनों से दूरी बनाए रखें और प्रदेश की गंगा-जमुनी तहज़ीब का सम्मान करते हुए छत्तीसगढ़ में शांति, भाईचारे और सद्भाव को बनाए रखें। डॉ. सलीम राज ने कहा कि इस्लाम शांति का प्रतीक है और हमें हर हाल में प्रदेश की अमन-चैन व भाईचारे को प्राथमिकता देनी चाहिए।