BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब कोर्ट से जुड़े नोटिस और दस्तावेज रजिस्टर्ड डाक की बजाय स्पीड पोस्ट से भेजे जाएंगे। हाईकोर्ट का मानना है कि इस कदम से नोटिस और दस्तावेजों की डिलीवरी की प्रक्रिया पहले से तेज, आसान और पारदर्शी होगी।
संविधान के अनुच्छेद 225 और 227 के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए हाईकोर्ट ने वर्ष 2007 के नियमों में संशोधन किया है। आदेश के अनुसार, नियम 142(2), 160(1), 167, 301 और 326 में अब रजिस्टर्ड डाक की जगह ‘स्पीड पोस्ट’ शब्द रखा गया है। वहीं, नियम 163(1) से रजिस्टर्ड डाक पावती शब्द हटाकर केवल ‘पावती’ शब्द रखा गया है। इसी तरह नियम 340(1) में भी अब स्पीड पोस्ट का उपयोग होगा। इसके लिए हाईकोर्ट ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
न्यायिक प्रक्रिया में तेजी
हाईकोर्ट का कहना है कि इस व्यवस्था से नोटिस और दस्तावेजों की डिलीवरी की प्रक्रिया में तेजी आएगी। साथ ही न्यायिक कार्यवाही भी पहले से अधिक प्रभावी और पारदर्शी होगी।
बहानेबाजी और देरी पर लगेगी रोक
आमतौर पर रजिस्टर्ड डाक से नोटिस और दस्तावेज भेजने में देरी होती थी और कई बार पक्षकार या सरकारी विभाग बहानेबाजी कर देते थे। लेकिन अब स्पीड पोस्ट से नोटिस भेजे जाने के बाद ऐसी बहानेबाजी नहीं चलेगी। साथ ही यदि लापरवाही होगी तो उसकी जवाबदेही भी तय की जा सकेगी। हाईकोर्ट का यह कदम न्यायिक प्रक्रिया को गति देने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण सुधार माना जा रहा है।