NEW DELHI NEWS. भारत समेत पूरी दुनिया में अमेरिकी टैरिफ पर बवाल मचा हुआ है। इस बीच, भारत से मनमुटाव साथ ही अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ तेल को लेकर बड़ी डील की है। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि हो सकता है फ्यूचर में भारत भी पाकिस्तान से तेल खरीदे। अमेरिका की ये डील भारत पर दबाव बनाने की रणनीति हो सकती है। लेकिन, बलोच नेता मीर यार बलोच ने इस डील के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं। बता दें कि पाकिस्तान ने डील के दौरान बताया था कि बलूचिस्तान में तेल और अन्य खनिजों का भंडार है।
इस बीच, बलोच नेता मीर यार बलोच ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को एक ओपन लेटर लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान बिकाऊ नहीं है। मीर यार बलोच ने कहा कि इस क्षेत्र के विशाल तेल और खनिज भंडारों को लेकर आपको (ट्रंप को) पूरी तरह से गुमराह किया गया है। जनरल असीम मुनीर ने आपको भूगोल के बारे में गलत जानकारी देकर गुमराह किया है। इस क्षेत्र में पहले से ही चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का बड़ा दखल है, जिस कारण से स्थानीय बलूच समुदायों का सरकारों पर अविश्वास बढ़ता गया है।
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चिट्ठी में मीर यार बलोच ने लिखा है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और इस्लामाबाद के अधिकारी अमेरिका को यह झूठा यकीन दिला रहे हैं कि तेल, गैस, तांबा, लिथियम, यूरेनियम और अन्य दुर्लभ खनिज पाकिस्तान की संपत्ति हैं। बलोच नेता ने स्पष्ट किया कि ये सभी खनिज भंडार पंजाब (पाकिस्तान का केंद्रीय क्षेत्र) में नहीं, बल्कि बलूचिस्तान में हैं, जो कि एक ऐतिहासिक रूप से स्वतंत्र राष्ट्र है जिसे पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।
उनका मुख्य तर्क था कि यह क्षेत्र बेचने योग्य नहीं है और यहां के संसाधनों का दोहन पाकिस्तान, चीन या किसी अन्य देश की तरफ से स्वीकार्य नहीं होगा। अपने पत्र में मीर यार बलोच ने लिखा है कि आपका यह मानना कि इस क्षेत्र में विशाल तेल और खनिज भंडार हैं, बिल्कुल सही है। लेकिन, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आपको पाकिस्तान ने पूरी तरह गुमराह किया है। ये खनिज पाकिस्तान के नहीं, बलूचिस्तान के हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जानबूझकर बलूचिस्तान की संपदा को राजनीतिक और आर्थिक फायदे के लिए अपना बता रहा है।
बलोच नेता ने अमेरिका को चेताया कि अगर पाकिस्तान को इन संसाधनों तक पहुंच दी गई, तो इसका सीधा लाभ पाक खुफिया एजेंसी ISI को मिलेगा। इससे आतंकी नेटवर्क को नई ताकत मिलेगी और वे 9/11 जैसे बड़े हमलों की साजिश रच सकते हैं। बता दें कि बलोच लंबे समय से पाकिस्तानी कब्जे और चीन की आर्थिक घुसपैठ के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। CPEC परियोजनाओं को लेकर विरोध, विरोध-प्रदर्शन और यहां तक कि सशस्त्र संघर्ष भी इस क्षेत्र में आम हो गए हैं। मीर यार बलोच ने कहा कि हमारे संसाधनों पर हक बलूचों का है, ये पंजाब या इस्लामाबाद के दफ्तरों की मर्जी से नहीं बेचे जा सकते।