RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब बांसुरी की स्वर लहरियां भी गूंजेगी। तीसरी कक्ष से छात्रों को बांसुरी के साथ ही शारीरिक शिक्षा, खेल और योग भी सिखाया जाएगा। वहीं छठी कक्षा में कला के साथ आरोग्य खेल यात्रा और व्यावसायिक शिक्षा दी जाएगी। सालभर में कला शिक्षा का 100 घंटे और कौशल बोध का 110 घंटे का कोर्स होगा।
शिक्षा विभाग ने 55 हजार स्कूलों के 60 लाख बच्चों के लिए दिनचर्या तय कर दी है। नए सत्र में पढ़ाए जाने वाले सिलेबस में तीसरी से आठवीं तक लाइब्रेरी को भी शामिल किया है। हर शनिवार बैगलेस-डे: पहली से 8वीं तक के बच्चों के लिए हर शनिवार बैगलेस-डे होगा। इस दिन खेलकूद, योग, व्यायाम, पेंटिंग, आर्ट व क्राफ्ट, अभिनय, रंगोली, लाइब्रेरी, कंप्यूटर और नवाचार के आयोजन होंगे।
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इस नई दिनचर्या के मुताबिक 10 से 10.15 बजे: प्रार्थना व राष्ट्रगान से शुरुआत होगी। 10.15 से 11 बजे: मातृभाषा-पुस्तकालय 4 दिन, आकलन 1 दिन, उपचारात्मक शिक्षा 1 दिन। इसके बाद 1 से 11.40 बजे: गणित 4 दिन, आकलन 1 दिन, उपचारात्मक शिक्षा 1 दिन। 11.50 से 12.30 बजे: अंग्रेजी 4 दिन, आकलन 1 दिन, उपचारात्मक शिक्षा 1 दिन। 12.30 से 1.10 बजे: विज्ञान 4 दिन, आकलन 1 दिन, उपचारात्मक शिक्षा 1 दिन।
इसके बाद 1.50 से 2.30 बजे: सामाजिक विज्ञान 4 दिन, आकलन 1 दिन, उपचारात्मक शिक्षा 1 दिन। 2.30 से 3.10 बजे: संस्कृत 3 दिन, आकलन 1 दिन, उपचारात्मक शिक्षा 1 दिन, व्यावसायिक शिक्षा 1 दिन। 3.10 से 4 बजे, शारीरिक शिक्षा, खेल, योग 2 दिन, कला शिक्षा 2 दिन, व्या. शिक्षा 1 दिन तथा आईसीटी 1 दिन के लिए होगा।