BHILAI NEWS. से समथिंग अबाउट योर सेल्फ। एचआर के साथ होने वाले इंटरव्यू में यह सवाल हमेशा पूछा जाता है। सच बताऊं तो इसके अलावा इंटरव्यू के दौरान बाकी सभी सवालों का कोई मतलब नहीं होता। आपने कितनी पढ़ाई की है। माक्र्स कैसे आए थे। कितना एक्सपीरियंस है। इससे भी ज्यादा जरूरी सवाल है, अपने बारे में कुछ बताइए।आम तौर पर इंटरव्यू देने गए युवा अपने रेज्यूमे में लिखी बातों को दोहारने लगते हैं। नतीजा, सलेक्ट नहीं हो पाते। अरे…भाई, एचआर आपके सीवी को देखता तक नहीं है। वह सिर्फ इसे पढऩे का नाटक करता है। से समथिंग अबाउट योर सेल्फ के जरिए वह आपका कॉन्फिडेंस, कमांड ऑफ लैंग्वेज, आपके विचारों को समझना चाहता है। जो भी इस पैमाने पर खरा उतरता है, उसे कम माक्र्स और बहुत कम एक्सपीरियंस के बाद भी अच्छी नौकरी मिल जाती है। ये बातें मैनेजमेंट गुरु और लेखक एन. रघुरमन ने शुक्रवार को रूंगटा इंटरनेशनल स्किल्स यूनिवर्सिटी में हुए एचआर कॉन्क्लेव में कहीं। वे इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे। उन्होंने युवाओं को मोटिवेट करते हुए कहा कि, कुछ नया सीखने का कोई भी मौका नहीं जाने दें। यकीन मानिए सभी में कुछ न कुछ बड़ा करने की खूबियां होती हैं। बस सही दिशा में बढऩा जरूरी होता है।

पर्सनल स्किल्स पर जोर दीजिए
एम्फेसेस बैंग्लुरु से आई एचआर प्रमुख रवीना नारायणन ने बताया कि, हर व्यक्ति में टैलेंट हो सकता है, लेकिन कम्युनिकेशन स्किल उससे ज्यादा जरूरी है। जो आपने अचीव कर लिया है वह रेज्यूमे में दिखता है, लेकिन एचआर पर्सनल स्किल को ज्यादा तरजीह देता है। वर्तमान समय में इंजीनियरिंग से लेकर मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वाले युवाओं को मूल कोर्स के साथ-साथ पर्सनल स्किल्स पर भी जोर देना जरूरी हो गया है, तभी कंपनियों में हायरिंग की गुंजाइश बढ़ेगी।

हर पांच साल में बदले सिलेबस
एचआर सुदेंद्र देवी ने एआई के दौर में हायरिंग की रणनीति पर कहा कि, आज की टेक्नोलॉजी हर साल बदल रही है। जिन स्टूडेंट्स की जावा में महारत है, जब वे जॉब इंटरव्यू में पहुंचते हैं तब पता चलता है कि अब जावा पुराना हो गया। अब तो उसकी जगह किसी और कोडिंग लैंग्वेज ने ले ली है। इससे युवा हताश हो जाते हैं, जबकि मार्केट टें्रेड के हिसाब से हर कंपनी का एम्पलॉई हर साल खुद को अपडेट करने में जुटा हुआ है। उन्हें मालूम है कि अगले साल कोई नई टेक्नोलॉजी आ जाएगी, जिसकी जानकारी नहीं होने पर वे ट्रेंड से बाहर जो जाएंगे। यह सबकुछ यूनिवर्सिटीज को भी सोचना चाहिए। इसके लिए सिलेबस को हर पांच साल में अपग्रेड करने की जरूरत है।

ग्रोथ के लिए हर रोज सीखना होगा
इस एचआर कॉन्क्लेव में देश-विदेश की नामी 21 मल्टीनेशनल कंपनियों के एच आर प्रमुख शामिल हुए। स्टार्टअप अदिक साइंसटेक के फाउंडर व सीईओ डॉ. अरुण कुमार ने कहा है कि जॉब इंडस्ट्रीज लर्न एंड ग्रो के फॉमूले पर चलती है। उन्होंने बताया कि आपको अंग्रेजी नहीं आती कोई बात नहीं। धीरे-धीरे सीख जाएंगे, लेकिन सीखना जरूरी है। इसके बिना काम नहीं चलेगा। वर्तमान में कंपनियों मल्टी टास्कर्स पर दावं लगाती है। सिर्फ कोडिंग में महारत काफी नहीं होगी। आपको अगले कुछ साल में कम्युनिकेशन पर भी जोर देना होगा, ऐसा नहीं करने पर युवा खुद की ग्रोथ नहीं कर पाएंगे।

लिंक्डइन पर एक्टिव रहें युवा
कॉन्क्लेव के दौरान एचसीएल की ग्लोबल फंग्शन हैड कंचन खेटकर ने कहा कि रेस में दौड़ेे बिना आगे बढऩा नामुमकिन है। छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों में बहुत पोटेंशियल है। वें टेक्निकल तौर पर तो अच्छा कर रहे हैं, लेकिन कम्युनिकेशन के मामले में पिछड़ते हैं। एचआर उन्हें उनकी रीजनल भाषा में समझाने का मौका देता है, पर वहां भी उनमें कॉन्फीडेंस की कमी दिख रही है। युवाओं पर इस पर काम करने की जरूरत है। इसके अलावा पिरामिड कंसलटिंग के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एचआर रजत शर्मा ने युवाओं को सुझाव दिया कि वे लिंक्डइन जैसे प्लेटफार्म पर सक्रिय रहें, ताकि उन्हें जॉब मार्केट और इंडस्ट्रीज की जरूरत पता चलती रहे। उन्होंने ये भी कहा कि सोशल मीडिया में सिर्फ फेसबुक और इंस्ट्राग्राम नहीं है, सोशल मीडिया में ऐसे भी कई प्लेटफार्म हैं तो आपको गू्रम करने की ताकत रखते हैं।

राष्ट्र निर्माण की सोच भी लाएं
रूंगटा यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति संतोष रूंगटा ने युवाओं को लगातार आगे बढ़ते रहने प्रेरित किया। कहा कि, जॉब इंडस्ट्री के हिसाब से युवाओं को ट्रेंड करने के लिए ही रूंगटा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ने गूगल और माइक्रोसॉफ्ट की मदद से सिलेबस बनाया है। कार्यक्रम में रूंगटा यूनिवर्सिटी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. जवाहर सूरी शेट्टी ने भी अपनी बात रखते हुए युवाओं को कहा कि, इंजीनियरिंग का एकमात्र उद्देश्य नौकरी करना नहीं होना चाहिए। इंजीनियर राष्ट्र के निर्माण में भी मददगार होते हैं। कार्यक्रम में डायरेक्टर डॉ. सौरभ रूंगटा, डॉ. एडविन एंथोनी, डॉ. मनोज वर्गीस, डॉ. एजाजुद्दीन डॉ. संजीव शुक्ला के साथ फैकल्टी मेंबर्स मौजूद रहे।