BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भरण पोषण के एक मामले की सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि विवाह के बाद भी संबंध रखने वाली पत्नी को पति से भरण पोषण का अधिकार नहीं है। इसके साथ ही कोर्ट ने परिवार न्यायालय के 4000 रुपये भरण पोषण देने के फैसले को भी निरस्त कर दिया है।
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बता दें, याचिकाकर्ता रायपुर निवासी का वर्ष 2019 में विवाह हुआ। विवाह के कुछ समय बाद से ही शारीरिक क्रूरता व मानसिक शोषण का पति पर आरोप लगाते हुए याचिकाकर्ता अपने मायके छोटे भाई के पास 2021 में चली गई। फिर उसने भरण पोषण के लिए परिवार न्यायालय में केस दर्ज कर दिया। जहां पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने प्रतिमाह 4 हजार रुपये भरण पोषण देने का फैसला सुनाया।
इसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में 20 हजार रुपये प्रतिमाह भरण पोषण देने की मांग को लेकर याचिका दायर की। इस पर हाईकोर्ट के सामने याचिकाकर्ता के पति ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि याचिकाकर्ता उसकी पत्नी के उसके छोटे भाई के साथ ही अवैध संबंध है। इनको रंगे हाथों पकड़ा था और उन्हें इसके लिए रोका भी था लेकिन दोनों ने उसे झूठे केस में फंसाने की धमकी देते हुए डराने का प्रयास किया।
बार-बार समझाने पर भी नहीं माने। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि विवाह के बाद भी पत्नी का संबंध होने पर उसे भरण पोषण का अधिकार नहीं होगा। वहीं कोर्ट ने यह भी कहा कि फैमिली कोर्ट ने गलत फैसला सुनाया है। इस तरह किसी भी पत्नी का व्यवहार अपने पति के लिए व्याधिचार है। इसलिए फैमिली कोर्ट का फैसला निरस्त किया गया।