RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ विधानसभा के 12वें दिन कई महत्वपूर्ण संशोधन विधेयक प्रस्तुत किए गए। तीन विधेयक में पंचायत व्यवस्था, विधायकों के वेतन-भत्ते और लोकतंत्र सेनानी सम्मान से जुड़े विधेयक शामिल हैं। वही आज प्रश्न कल शुरू होते ही भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी का मुद्दा उठा। विपक्ष दिनेश मामले में सीबीआई जांच की मांग की है।
जेल में गैंगस्टर अमन साव के फोटो शूट की खबर से हड़कंप, DIG पहुंचे जेल
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज गृहमंत्री विजय शर्मा ने छत्तीसगढ़ पंचायत राज (संशोधन) विधेयक को विधेयक प्रस्तुत किया । इसमें पंचायत व्यवस्था को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के प्रावधान किए गए हैं।
मंत्री केदार कश्यप ने छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य, वेतन, भत्ता तथा पेंशन विधेयक को पेश किया हैं। इसके तहत विधायकों के वेतन, भत्तों और पेंशन से जुड़े प्रावधानों में संशोधन प्रस्तावित किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ लोकतंत्र सेनानी सम्मान (संशोधन) विधेयक को प्रस्तुत किया हैं। यह विधेयक लोकतंत्र सेनानियों को दी जाने वाली सुविधाओं और सम्मान में संशोधन से संबंधित है।
सदन में गूंजा भारतमाला प्रोजेक्ट का मुद्दा
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज फिर से भारतमाला प्रोजेक्ट का मुद्दा गूंजा। प्रश्नकाल के दाैरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में 350 करोड़ रुपए का घोटाला मुआवजा के खेल में किया गया है। लिहाजा, इसकी जांच सीबीआई से या नहीं तो विधायक दल की समिति से कराने की मांग की। हालांकि सरकार ने उनकी मांग को खारिज कर दिया, जिसके बाद सत्ता और विपक्ष के बीच जमकर तीखी बहस हुई। नाराज विपक्ष ने सदन से वॉक आउट भी कर दिया।
कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान यूनेस्को की टेंटेटिव लिस्ट में शामिल, अब कोटमसर गुफा को मिलेगी नई पहचान
छत्तीसगढ़ को विशाखापट्टनम को जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी भारतमाला प्रोजेक्ट में मुआवजे के नाम पर हुई बड़ी गड़बड़ी की गूंज आज एक बार फिर से छत्तीसगढ विधानसभा में सुनने को मिली। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के सवाल पर मंत्री राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने सदन में स्वीकार किया कि इस प्रोजेक्ट में मुआवजे के नाम पर बड़ी गड़बड़ी की गई है।
Bed सहायक शिक्षिकाओं ने सावित्री बाई फुले की मनाई पुण्यतिथि, बोलीं- अपने हक के लिए लड़ रहे हैं हम
भारतमाला प्रोजेक्ट की अधिसूचना जारी होने के बाद जमीनों की खरीद बिक्री हुई। उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटा गया। उसका नामांतरण किया गया। इतना ही नहीं, जमीन का मुआवजा भी गलत लोगों को दिया गया। इसके चलते कई अधिकारी कर्मचारी को निलंबित किया गया है।
Rashifal : आज सुकर्मा योग…इस राशि के जातकों को आज मिल सकता है उनका बकाया रुपया
मंत्री की इस स्वीकारोक्ति के बाद चरणदास महंत ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग कर दी। उन्होंने कहा कि अकेले रायपुर में 43 करोड़ का फर्जी मुआवजा दिया गया। पूरे प्रदेश में मुआवजे का घोटाला करीब 350 करोड़ का है। लिहाजा, इसकी सीबीआई जांच कराई जाए, लेकिन विभागीय मंत्री टंकराम वर्मा इसके लिए तैयार नहीं हुए। उन्होंने पूरे मामले की जांच संभागीय आयुक्त से कराने की घोषणा की।
मुश्किल में मंत्री लखनलाल, पार्टी के बागी को दिया था समर्थन…BJP ने गठित की जांच समिति