AMBIKAPUR NEWS. शासकीयकरण नहीं करने के मामले को लेकर पंचायत सचिव लामबंद हो गए हैं। सचिव संघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह पैंकरा ने ऐलान किया है कि पंचायत सचिव 17 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे। 18 मार्च से पंचायत सचिव ब्लॉक मुख्यालय में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे और 1 अप्रैल को मंत्रालय का घेराव करेंगे।
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पंचायत सचिव संघ का आरोप है कि विधानसभा चुनाव में मोदी की गारंटी में पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने का वादा किया गया था। मगर डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी इस पर अमल नहीं किया किया गया।
पंचायत सचिव संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इस मामले को लेकर सरकार से कई बार बातचीत की गई मगर कोई कारगर पहल अब तक नहीं हो सकी है। ऐसे में अब सचिव संघ ने आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है।
पंचायत सचिव संघ का कहना है कि सचिवों के हड़ताल पर चले जाने से शासकीय योजनाओं में इसका असर पड़ेगा ही। साथ ही साथ नए सरपंच चुनकर आये हैं उन्हें भी पदभार नहीं दिया जा सका है। ऐसे में पंचायत सचिव संघ ने पूरे प्रदेश में हड़ताल और आंदोलन की बात कही है।
ऐसे में देखना होगा कि पंचायत सचिवों की मांग पर सरकार किस तरह से पहल करती है। क्या पंचायत सचिवों को अपनी मांग को लेकर आंदोलन करना पड़ता है या फिर सरकार इसके पहले कोई रास्ता निकाल पाती है।
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इंडोर स्टेडियम में सीएम ने किया था बड़ा ऐलान
इसके पहले जुलाई में ऐसा लगा था कि छत्तीसगढ़ के पंचायत सचिवों के शासकीयकरण का रास्ता खुलता दिख रहा है। जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पंचायत सचिवों को नियमित करने के लिए बड़ी घोषणा की थी, मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश पंचायत सचिव संघ की शासकीयकरण की मांग को पूरा किया जाएगा और इसके क्रियान्वयन के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा।
इस घोषणा के बाद संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का आभार गजमाला पहनाकर किया था। मुख्यमंत्री साय ने राजधानी रायपुर के सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में पंचायत सचिव दिवस के अवसर पर प्रदेश पंचायत सचिव संघ छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में शिरकत की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पंचायत सचिवों के हितों का पूरा ध्यान रखती है। सरकार बनते ही पंचायत सचिवों की अपेक्षाओं को पूरा किया गया है।