NEW DELHI NEWS. कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष ने मंगलवार को राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए नोटिस दिया है। यह नोटिस राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को सौंपा गया है। नोटिस पर करीब 60 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सभापति धनखड़ पर पक्षपात का आरोप लगाया है।
संसद में जारी गतिरोध के बीच अब विपक्ष राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ गोलबंद हो गया है। विपक्षी इंडिया ब्लॉक जगदीप धनखड़ को पद से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। विपक्षी गठबंधन ने आज दोपहर राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को इस आशय का प्रस्ताव सौंप दिया है।
जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस को आरजेडी, टीएमसी, सीपीआई, सीपीआई (एम), जेएमएम, आप और डीएमके का साथ मिला है। नोटिस पर करीब 60 विपक्षी सांसदों के हस्ताक्षर हैं। हालाकि इस प्रस्ताव पर सोनिया गांधी और किसी भी दल के फ्लोर लीडर्स ने हस्ताक्षर नहीं किया है। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा के सभापति पर पक्षपात करने का आरोप लगाया।
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कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश और प्रमोद तिवारी के साथ ही तृणमूल कांग्रेस के नदीम उल हक और सागरिका घोष ने यह प्रस्ताव राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा। विपक्षी पार्टियों ने अविश्वास प्रस्ताव में आरोप लगाया है कि उनको बोलने नहीं दिया जाता। चेयरमैन पक्षपात कर रहे हैं, विपक्षी पार्टियों ने एक दिन पहले का उदाहरण देते हुए कहा है कि ट्रेजरी बेंच के सदस्यों को बोलने का मौका दिया गया लेकिन जब विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बोल रहे थे, उनको रोका गया।
जानें क्या है नियम
राज्यसभा सभापति के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 67(बी) के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है। इसके तहत सभापति को राज्यसभा के सभी तत्कालीन सदस्यों के बहुमत से पारित प्रस्ताव और लोकसभा की सहमति से हटाया जा सकता है। मगर 14 दिन पहले नोटिस देना जरूरी है। बता दें कि इससे पहले अगस्त महीने में भी कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बनाई थी। मगर बाद में किसी कारणवश इसे टाल दिया गया था।