BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में रेप के मामले में आरोपी को जिला सत्र न्यायालय से मिले दंड को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई। मामले की सुनवाई जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल के बेंच में हुई। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि रेप के मामलों में पीड़िता का बयान ही एक मात्र विश्वसनीय साक्ष्य के तौर पर माना जाता है। कोर्ट ने अपील को खारिज कर दिया।
बता दें, कोरबा जिला निवासी पीड़िता 13 जनवरी 2014 की शाम 4.30 बजे कटघोरा बस स्टैंड आयी थी। यहां छोटूल उर्फ लाला चौटाला नाम के एक व्यक्ति ने उसे जबरन बस में बैठकार बिलासपुर ले आया। जहां पर मंदिर चौक में अपने एक परिचित व्यक्ति को बुलाया और उसे अपना जीजा बताया। युवती को मंदिर चौक से रेलवे स्टेशन ले गए। इसके बाद ट्रेन से इलाहाबाद, कानपुर, दिव्यपुर, दिल्ली होते हुए गुड़गांव हरियाणा लेकर गए और एक कमरे में बंद कर दिया गया। गुड़गांव में आरोपी संजय राजपूत ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद अपने मित्र को बुलाया।
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उसके मित्र ने भी पीड़िता के साथ जबरदस्ती की। विरोध करने पर उसने सिगरेट से हाथ को जला दिया। तीन दिन उसे कमरे में बंद रखा गया। बाद में आरोपी की भाभी आयी और उससे पूछताछ की। इसके बाद एक दिन सभी लोग बाहर गए तो पीड़िता ने मकान मालिक से फोन लेकर अपनी मां को अपहरण करने व बंधक बनाए जाने की जानकारी दी। आरोपी की भाभी को इसकी जानकारी होन ेपर उसने भी पीड़िता की मां से फोन पर बात की और उसके सुरक्षित होने की भी बात बताई। इसके बाद पीड़िता की मां एवं अन्य रिश्तेदार पुलिस के साथ गुड़गांव गए और पीड़िता को आरोपी संजय राजपूत से मुक्त कराया।
कटघोरा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया। 2 जून 2017 को विशेष कोर्ट ने आरोपी को धारा 365 में पांच वर्ष 1000 हजार रुपये जुर्माना, 366 के तहत सात वर्ष 2000 हजार रुपये जुर्माना, 342 में छह माह की सजा व 500 सौ रुपये जुर्माना, 376 (2) में दस वर्ष 3000 हजार रुपये जुर्माना, धारा 120 बी के तहत दस वर्ष व 3000 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। इस फैसले को चुनौती देते हुए आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील की।
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इस पर अपील में कहा गया कि पीड़िता का अपहरण नहीं किया गया था वह स्वयं ही उसके साथ गई थी। इस मामले में कोई गवाह नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा कि बलात्कार के मामले में सिर्फ पीड़िता का गवाह ही पर्याप्त साक्ष्य होता है। इसके अलावा पीड़िता के बताए गए बातों मकान मालिक से फोन लेकर बात करना व आरोपी की भाभी का पीड़िता की मां से बात करने के साथ ही आरोपी द्वारा पीड़िता को सिगरेट से जलाए जाने की पुष्टि मेडिकल से प्राप्त हुई। कोर्ट ने अपील को खारिज कर दिया।