AMBIKAPUR NEWS. अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह द्वारा जिंदा व्यक्ति को मृतक बताकर सनसनी फैलाने के प्रयास पर पानी फिर गया है। घाटबर्रा के दिलबंधु मझवार को मृत नहीं बल्कि जीवित पाया गया है। भानुप्रताप सिंह जो कि काँग्रेस के कार्यकर्ता भी हैं उन्होंने दावा किया था कि परसा खदान की ग्रामसभा के प्रस्ताव में एक मृतक दिलबंधु के भी हस्ताक्षर हैं।
इस मामले की तहकीकात में दिलबंधु के जिंदा होने की पुष्टि की गई है। इसी मामले में सोमवार के दिन कथित मृतक की पहचान को प्रमाणित करने के लिए उदयपुर तहसील कार्यालय पर ले जाया गया। जहां यह पाया गया कि रजिस्टर में ग्रामसभा के प्रस्ताव में जिस दिलबंधु के हस्ताक्षर हैं वह बाकायदा वही है और जीवित है।
उल्लेखनीय है कि रायपुर स्थित कुछ तत्वों द्वारा सरगुजा जिले की परसा कोयला खदान के लिए आयोजित की गई ग्राम सभा को फर्जी बताकर अनजान माध्यमों द्वारा गलत समाचार प्रकाशित किया गया, साथ ही सोशल मीडिया में चमकाकर छत्तीसगढ़ के खदान क्षेत्र को बदनाम करने का अभियान चलाया जा रहा है।
जबकि हकीकत यह है कि इसी आयोग ने हाल ही में फर्जी ग्रामसभा के आक्षेपों को घनिष्ठ जांच पड़ताल के बाद खारिज कर दिया था। यहाँ तक कि अभी तक परसा खदान के विकास विरोधी तत्व अपने दावों को किसी भी न्यायालय में साबित कर नहीं पाए हैं। अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने बिना किसी आधार पर सिर्फ चालीस लोगों से आवेदन लेकर एकतरफा रिपोर्ट जारी कर दी थी। जिसे आयोग के सचिव ने मान्य नहीं किया था।
याद दिला दें की परसा खदान के आसपास कुछ दस हजार स्थानीय रहते हैं। रायपुर के एक कथित अभियानकारी जो कि चार पन्ने की रिपोर्ट में सचिव के दस्तखत ना होने की हकीकत को छुपाने के लिए आगे के सिर्फ तीन ही पन्ने अपने सोशल मीडिया पर डाल कर गलत दावे भी कर दिए थे जो अब झूठे साबित हो गए हैं ।
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दिलबंधु मझवार ने स्वयं को बताया जीवित
अगनुराम मझवार के 28 वर्षीय पुत्र दिलबंधु मझवार ने मीडिया को बताया कि, “मैँ ग्राम घाटबर्रा के अगरियापारा का निवासी हूँ। मेरा आधार कार्ड क्रमांक 9605 27**** है। मुझे आप के माध्यम से पता लगा की कुछ लोगों द्वारा मेरे मृत होने की खबर फैलाई जा रही है। जिसका मैं खंडन करता हूँ। इसके लिए मैने मेरे गांव के ग्राम पंचायत सचिव गोपाल राम यादव से भी संपर्क किया है। जिसके लिए वे मेरा पंचनामा सभी साक्ष्यों के हस्ताक्षर लेकर मुझे दिया है। इसकी छायाप्रति मैं आज जिलाधीश महोदय और एसडीएम साहब को जमा कराया हूँ। मैंने ही जनपद पंचायत द्वारा परसा कोयला ब्लॉक के लिए दस सितंबर को आयोजित ग्राम सभा के उपस्थिति पंजी में अपना हस्ताक्षर किया है। कुछ लोगों की सोची समझी षड्यन्त्र के तहत मेरे मृत होने की झूठी खबर फैलाने के चलते मेरे अस्तित्व पर सवाल खड़ा किया है। जिससे मुझे बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। “दिलबंधु ने मीडिया को धन्यवाद देते हुए कहा की मेरा सच अब सभी के सामने आ जाएगा।“
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पंचायत के सचिव ने की दिलबंधु के जिंदा होने की पुष्टि
इस सिलसिले में ग्राम पंचायत सचिव गोपाल राम यादव ने बताया कि जिस दिन गांव में ग्राम सभा आयोजित की गई थी, उस दिन मेरे समक्ष ही उपस्थित ग्रामवासियों ने हस्ताक्षर किया है। इसमें से दिलबंधु को कुछ मीडिया के माध्यम से मृत होने की बात का पता चला है जो की सरासर गलत है। इस झूठी खबर का मैं खंडन करता हूँ। आज मैंने दिलबंधु का जीवित होने के लिए पंचनामा तैयार किया है जिसे माननीय जिलाधीश महोदय के माध्यम से कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा।
इस दौरान सारी वैधानिक मंजूरियों के साथ राजस्थान सरकार का विद्युत उत्पादन निगम अपनी परसा खदान को कार्यान्वित करने के लिए तैयारी कर रहा है, जिसके चलते आदिवासी जिले में 5,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे। सरकारी और समाचार माध्यमों की निजी स्वार्थ के लिए चलाए जा रहे महंगे अभियान का भंडाफोड़ होने के बाद अब देखना होगा की दिलबंधु की अस्तित्व की लड़ाई क्या मोड़ लेती है और वह झूठी खबर फैलाने वालों पर क्या कार्यवाही करेंगे।