BILASPUR NEWS. सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन का खाना बच्चों को पसंद नहीं आ रहा है साथ ही उसकी क्वालिटी को लेकर भी काफी खबरे मीडिया में आयी। इसके बाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की। हाईकोर्ट में मामला चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के बेंच में चल रहा है। हाईकोर्ट ने पहले तो अफसरों से जवाब मांगा फिर उन्होंन कहा कि आखिर मध्यान्ह भोजन में मिल रहे घटिया क्वालिटी के खाना परोसने पर जिम्मेदार कौन है।
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बता दें, शहर में सरकारी स्कूलों में बच्चों को मध्यान्ह भोजन परोसने के लिए सेंट्रल किचन बनाया गया है। इसका संचालन नगर निगम ने ठेके में दिया है। इस सेंट्रल किचन से 100 से अधिक स्कूलों के लिए भोजन तैयार किया जाता है और उसे वाहन के माध्यम से स्कूलों तक पहुंचाया जाता है।
कुछ दिनों से मध्यान्ह भोजन की क्वालिटी अच्छी नहीं होने से बच्चों ने भोजन खाना बंद कर दिया है। इस मामले को कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। चीफ जस्टिस ने इस पर कलेक्टर से जवाब मांगा है साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी कर शपथ पत्र में जवाब मांगा है। इसकी अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।
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शिक्षा विभाग ने ध्यान देना कर दिया बंद
बता दें, जब सेंट्रल किचन की शुरुआत हुई थी तब शिक्षा विभाग इस पर ध्यान रखता था और इसी वजह से भोजन की क्वालिटी भी अच्छी थी लेकिन धीरे-धीरे विभाग ने ध्यान देना बंद कर दिया और अब हालत यह है कि खाना की क्वालिटी का स्तर काफी खराब हो गया है। इसी वजह से बच्चे खा नहीं रहे है ऐसे में बच्चों के बजाए सेंट्रल किचन का खाना मवेशियों को खिलाया जा रहा है।