NEW DELHI NEWS. फिल्म इंडस्ट्री में बढ़ रही अश्लीलता के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सूचना प्रसारण मंत्रालय ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म्स पर दिखाई जाने वाली फिल्मों और सीरीज को लेकर नई गाइडलाइंस जारी करेगा। इसमें नग्नता, अश्लीलता और गाली-गलौज के दृश्यों को वैकल्पिक माध्यमों से दर्शाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। यानी सीधे तौर पर जो आपत्तिजनक दृश्य या शब्द दिखाए-सुनाए जाते हैं, उन्हें धुंधला करते हुए, बीप या शब्दों में फेरबदल कर प्रदर्शित करना होगा।
सूचना प्रसारण मंत्रालय से मिले जानकारी के अनुसार पिछले तीन महीने से ओटीटी फिल्म निर्माण से जुड़ी कंपनियों, व्यक्तियों और अन्य हिस्सेदारों से विचार-विमर्श पूरा होने के बाद नई गाइडलाइंस बन रही हैं। इसे ऐसे बनाया जा रहा है, ताकि महिलाओं के सम्मान से जुड़ी कानूनी धाराओं का कोई उल्लंघन नहीं हो। नियमों के उल्लंघन के बिना फिल्मों के जरिए कहानी को अभिव्यक्त कैसे किया जाए, इसे सुनिश्चित करना ही इसका मकसद है। गाइडलाइन बाध्यकारी नहीं होगी। लेकिन, फिल्म निर्माण के दौरान इन मानदंडों को पूरा किया गया है, इसके लिए निर्माताओं को शपथ पत्र सेंसर बोर्ड और मंत्रालय को देना होगा।
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माना जा रहा है कि डायलॉग के दौरान गाली-गलौज का दृश्य यदि अनिवार्य है तो उस शब्द को तोड़मरोड़ कर दिखाने, कपड़े बदलने या अंतरंग संबंधों वाले दृश्यों को कैरिकेचर या धुंधले एनिमेशन से प्रस्तुत करने के विकल्पों को भी गाइडलाइंस का हिस्सा बनाया जा रहा। सूत्रों का कहना है कि, मंत्रालय ओटीटी निर्माताओं से यह अपेक्षा भी कर रहा है कि वे अपनी टीम में ऐसे व्यक्तियों को जोड़ें, जो नग्नता या अपशब्द वाले दृश्यों के लिए वैकल्पिक विजुअल या शब्द गढ़ सकें।