BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक मामला सामने आया है। इसमें किसानों का पैसा गबन करने की आरोपी बैंक कर्मचारी ने अपने साथ जबरन ससुर और सास का नाम भी लपेटे में ले लिया था। इसके खिलाफ ससुर ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु के बेंच में हुई। सिविल कोर्ट से इस प्रकरण में बुजुर्ग दंपत्ति के खिलाफ पारित आदेश पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने रोक लगा दी है।
बता दें, खुशबू शर्मा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक दयालबंद शाखा में कर्मचारी है। इसने किसानों के खाते में गड़बड़ी कर लाखों रुपये का हेरफेर कर दिया था। बाद में मामला सामने आने पर पहले बैंक प्रबंधन को शपथ पत्र में 14 लाख चुकाने का आश्वासन दिया। इसके बाद 80 लाख की रकम स्वयं चुकाने की भी बात कही।
इस गड़बड़ घोटाले में अलग मकान में रहने वाले अपने ससुर जानकी प्रसाद शर्मा और सास को भी फंसा दिया। इनका बैंक से कोई लेना-देना नहीं था। सिविल कोर्ट ने जानकी प्रसाद शर्मा के खिलाफ भी आदेश पारित कर दिया। जानकी प्रसाद ने हाईकोर्ट में एडवोकेट धीरेन्द्र पांडेय के माध्यम से क्रिमिनल पिटीशन दायर किया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ जारी ट्रायल कोर्ट के आदेश पर स्थगन प्रदान कर दिया है। इसके साथ ही बैंक मैनेजर को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी करने का निर्देश भी दिया है।
सास-ससुर को बनाया आरोपी
खुशबू शर्मा जिला सहकारी केन्द्र मर्यादित बैंक शाखा मंडी चौक बिलासपुर में बैंक क्लर्क सह कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर थी। इससे पहले व कैशियर के पद पर थी। उसने बैंक से 80 लाख रुपये की हेराफेरी की। बैंक के शाखा प्रबंधक हितेश सलूजा ने 9 दिसंबर 2022को लिखित शिकायत दर्ज कराई और शाखा प्रबंधक की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई।
मुख्य अपराधी खुशबु शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और अपने ज्ञापन बनया में उसने कहा कि वर्तमान आवेदक जो उसके ससुर और सास है ने उसे ऐसा अपराध करने के लिए मजबूर किया था। जबकि वह न तो अपने सास-ससुर के साथ रहती है और न ही इस मामले से उनका कोई लेना-देना है।