संजीव सोनी
LALITPUR NEWS. वृहस्पतिवार को शहर की सडक़ पर “माननीय को पेंशन, कर्मचारियों को टेंशन” “पुरानी पेंशन बहाल करो” “एक देश-एक पेंशन” “अर्धसैनिक बलों को भी है, पेंशन पाने का अधिकार” जैसे नारे शहर में गूंजे। यह नारे नेशनल मूवमेण्ट फार ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) व ऑल टीचर्स एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (ATEWA) पुरानी पेंशन बचाओ मंच के आह्वान पर देशभर में निकाले गए आक्रोश मार्च में लगाए गए। आक्रोश मार्च शिक्षकों व कर्मचारियों ने नगर संसाधन केन्द्र ललितपुर पर एकत्रित होकर निकाला। इसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी, इंजीनियर, चिकित्सक आदि भी शामिल हुए।
उत्तर प्रदेश राज्य संयुक्त कर्मचारी परिषद एवं ATEWA के संयुक्त निर्देशन में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (सम्बद्ध अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ नई दिल्ली), उच्च शिक्षा विभाग के प्राध्यापक, समस्त माध्यमिक शिक्षक, उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ (जूनियर) विशिष्ट बीटीसी शिक्षक, यूटा शिक्षक, पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेश पंचायती राज कर्मचारी संघ, बुन्देलखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ, लेखपाल संघ, सिंचाई निर्माण खंड, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, एसटी बेसिक टीचर्स वेलफेयर, टीचर सेल्फ केयर, पीडब्ल्यूडी वर्कचार्ज संघ, कृषि रक्षा विभाग, भूमि संरक्षण विभाग, रेलवे वकशॉप, सिंचाई विभाग, डॉक्टर एवं नर्स संयुक्त परिषद, पैरामेडिकल स्टाफ, डिप्लोमा फार्मासिस्ट स्टाफ, राजस्व विभाग, निर्वाचन विभाग, समाज कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, समस्त विभागों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, नगर पालिका परिषद के वरिष्ठ सहायक एवं सफाई कर्मचारी, विद्युत विभाग के अभियंता एवं कर्मचारी, जल निगम के अभियन्ता एवं कर्मचारी, टैक्स संग्रह से जुड़े कर्मचारी, दीवानी न्यायालय से जुड़े कर्मचारी आक्रोश मार्च में सम्मिलित हुए।
आक्रोश मार्च में “माननीय को पेंशन, कर्मचारियों को टेंशन”, “पुरानी पेंशन बहाल करो”, “एक देश-एक पेंशन”, “अर्धसैनिक बलों को भी है, पेंशन पाने का अधिकार” आदि नारे लगाते हुए कर्मचारी तुवन चौराहा होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचे। यहाँ पर पीएम व सीएम को सम्बोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी अंकुर श्रीवास्तव को सौंपा। माँग की गई कि NPS और उसके बाद UPS कर्मचारियों पर जबरन थोपा जा रहा है। यह दोनों ही कर्मचारियों के हित में नहीं है।
इस दौरान ATEWA के जिलाध्यक्ष धीरेन्द्र जैन ने बताया कि देश के लगभग एक करोड़ शिक्षक, कर्मचारी व अधिकारी लगातार पुरानी पेंशन बहाली की माँग कर रहे हैं। नई पेंशन व्यवस्था एनपीएस के दुष्परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं। इसके तहत शिक्षकों, कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के पश्चात, 800, 1200, 2800 रुपये मात्र पेंशन के नाम पर मिल रहे हैं। इससे न तो उनका स्वयं का खर्च और न ही उनके परिवार का खर्च चल पा रहा है। जो व्यक्ति अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ समय विभाग व देश की सेवाओं में देते हुए 25-30 वर्ष का योगदान दिया हो, वह अपने बुढ़ापे के लिए चिन्तित व परेशान रहे, यह न्यायोचित नहीं है और न ही मानवीय दृष्टिकोण से सही है।
अब केन्द्र सरकार ने भी इस तथ्य को स्वीकार कर लिया कि एनपीएस व्यवस्था न्यायपूर्ण नहीं है। इसलिए एक नई पेंशन व्यवस्था यूपीएस लेकर आयी है। लेकिन यूपीएस, एनपीएस से भी ज्यादा नुकसानदेह है। इन दोनों पेंशन स्कीम से पूरे देश का कर्मचारी असन्तुष्ट, रूष्ट व चिन्तित है।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (सम्बद्ध अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ नई दिल्ली) के जिलाध्यक्ष विनोद निरंजन ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था शिक्षक कर्मचारी के हित में होने के साथ ही वास्तविक रूप में सामाजिक सुरक्षा का आधार स्तम्भ हैं। इसलिए देश भर का शिक्षक, कर्मचारी व अधिकारी पुरानी पेंशन की माँग कर रहा है। पुरानी पेंशन शिक्षक व कर्मचारियों का अधिकार है।
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ATEWA के पूर्व जिला संयोजक इंदर सिंह पटेल ने कहा कि जब त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और केरल, राजस्थान, हिमांचल प्रदेश कीं सरकार अपने अपने शिक्षक कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दे सकती हैं, तो फिर उत्तर प्रदेश की सरकार क्यों नही दे सकती है। ATEWA जिला महामंत्री रामेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि देश में एक विधान और एक संविधान की बात हो रही है लेकिन शिक्षक एवं कर्मचारियों के साथ दोहरा मापदण्ड अपनाया जाना न्यायोचित नहीं है।
इस दौरान अनिल त्रिपाठी, विनय ताम्रकार, इंदर सिंह पटेल, रामसेवक निरंजन, सत्येन्द्र जैन, विनय रजक, ब्रजेश चौरसिया, मनीष खरे, रामसेवक निरंजन, राममिलन रजक, पुष्पेन्द्र जैन, गौरव त्रिपाठी, सूर्यप्रकाश, अंतिम जैन, दीपक सिंघई, दीपक जैन, सुनील जैन, आदर्श रावत, परिवेश मालवीय, हरिश्चंद्र, ज्ञानेंद्र सिंह बुंदेला, विक्रम निरंजन, सत्येंद्र सिंघई, राजेन्द्र सिंह बुंदेला, विवेक सिंह, जयप्रकाश कुशवाहा, धर्मेन्द्र जैन, पूर्णेन्द्र सिंह, नीरज चतुर्वेदी, ब्रजेश तिवारी, हरिशंकर सोनी, पुष्पेंद्र रावत, सुधीर शर्मा, सुनील झां, अमित श्रीवास्तव, रविशंकर झां, अरुण राठौर, सर्वेश तिवारी शामिल थे।
इसके अलावा प्रदर्शन में प्रमोद सैन, उदयवीर, मुहम्मद मुनीर, राजेश साध, जाकिर खान, बाबूसिंह राठौर, श्याम विहारी, संजीव सिद्धार्थ, अनिल राठौर, सतीश रठानिया, प्रमोद तिवारी, रोहित घनघोरिया, पवन रिछारिया, हिमांशु पटेल, शैलेंद्र गोस्वामी, राजू यादव, विश्वेन्द्र सिंह, रियाज अहमद, चित्रा तिवारी, वन्दना ताम्रकार, अर्चना श्रीवास्तव, आयूषी श्रीवास्तव, नेहा जैन, गीता दोहरे, कामिनी पटेल, शिवानी, शीला देवी, डोली बंसल, शिवानी अग्रवाल, कृष्ण कुमार, प्रमोद पटेल, अनिल यादव, सूर्यभान यादव, ललिताराम, राजेश कुमार, महेंद्र पंथ, हरिश्चंद्र नामदेव, कृष्णकांत रावत, हरिशरण कुशवाहा, रामनरेश जाट, अरसद खान, विशाल जैन, अभिषेक मुदगिल, दीपेंद्र पुरोहित, राजेश निरंजन, विक्रम सिसौदिया, अरुण राठौर, राजेश निरंजन, राजेश अनुरागी, मुकेशबाबू नरवरिया, अमित श्रीवास्तव, राजेश तिवारी, योगेंद्र यादव, मनीष, सरिता प्रजापति के अलावा बड़ी संख्या में अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी मौजूद रहे।
आक्रोश मार्च निकालते हुए
जब एक दिन का सांसद और विधायक पेंशन पाने का अधिकारी हैं तो 30 से 35 वर्षों तक सेवाएं देने वाले शिक्षक,कर्मचारी से सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है। कर्मचारियों को पुरानी पेंशन जब तक लागू नहीं हो जायेगी तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
धीरेंद्र जैन, जिलाध्यक्ष अटेवा
जब तक पुरानी पेंशन बहाली का शासनादेश लागू नहीं होता है तब तक उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (सम्बद्ध अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ नई दिल्ली) अटेवा के साथ आंदोलन में सम्मिलित होगा। संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर साथ रहेगा।
विनोद निरंजन-जिलाध्यक्ष
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (सम्बद्ध अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ नई दिल्ली)
भारत सरकार भी मान गई है कि एनपीएस कर्मचारियों के लिए लाभदायक नहीं है। एनपीएस के विकल्प में सरकार यूपीएस देने जा रही है। जो कि एनपीएस की ही तरह साबित हो रही है। कर्मचारियों को पुरानी पेंशन ही चाहिए।
रामेन्द्र सिंह यादव
जिला महामंत्री अटेवा
जब एक दिन का सांसद और विधायक पेंशन पाने का अधिकारी हैं तो 30 से 35 वर्षों तक सेवाएं देने वाले शिक्षक,कर्मचारी से सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है। कर्मचारियों को पुरानी पेंशन जब तक लागू नहीं हो जायेगी तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
धीरेंद्र जैन, जिलाध्यक्ष अटेवा