BALOD. छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के लिमोरा में राज्य का सबसे बड़ा और भव्य मंदिर बन रहा है। यह मंदिर 64 योगिनी मंदिर के नाम से पहचाना जाएगा। मंदिर के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम 17 सितंबर को किया जा रहा है। यह पूरा मंदिर पत्थर से बनेगा। इसके लिए बाहर से पत्थर आ रहे हैं। यह छत्तीसगढ़ का सबसे पड़ा मंदिर होने के साथ-साथ प्रदेश का पहला 64 योगिनी मंदिर होगा।
गंगा मैया के मंदिर से पहचाना जाने वाला बालोद जिला अब पूरे देश में 64 योगिनी मंदिर के कारण पहचान बनाएगा। जिले की गुण्डरदेही तहसील में आने वाले लिमोरा गांव में प्रदेश के सबसे भव्य मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। मोक्ष धाम सेवा संस्थान द्वारा इस मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। मंदिर के बारे में गुरुदेव ने बताया कि भूमि पूजन कार्यक्रम दोपहर 3 बजे से शुरू होगा।
मंदिर के बारे में गुरुदेव वीरेन्द्र देशमुख ने बताया कि खास बात ये है कि पूरा मंदिर पत्थर से बनाया जाएगा। इसके लिए राजस्थान से पत्थर मंगाए जा रहे हैं। गांव में ही विशाल पत्थरों को काटकर आकार दिया जाएगा।
क्या होता है 64 योगिनी मंदिर
सभी 64 योगिनियों को आदि शक्ति माँ काली का अवतार माना गया है। घोर नामक दैत्य के साथ युद्ध करते समय योगिनियों का अवतार हुआ था। सभी योगिनियां माँ पार्वती की सखियां हैं। ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार सभी 64 योगिनी कृष्ण की नासिका से प्रकट हुई हैं। योगिनियों का संबंध योग और तंत्र से है। 64 योगिनियां हिंदू धर्म में देवी शक्ति के एक समूह को कहा जाता है। जो तांत्रिक विद्या से जुड़ी हुई हैं। इन्हें अलौकिक शक्तियों का वाहक माना जाता है।
देश में अब तक पांच 64 योगिनी मंदिर
देश में अब तक पांच ही ज्ञात 64 योगिनी मंदिर हैं। उड़ीसा के हीरापुर में, उड़ीसा के ही रानीपुर झरियाल में भी 64 योगिनी मंदिर है। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में आने वाले खजुराहो में भी 64 योगिनी मंदिर है। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के मितौली में भी 64 योगिनी मंदिर है। मध्य प्रदेश के जबलपुर में भी एक 64 योगिनी मंदिर है। इसके बाद अब छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के लिमोरा गांव में 64 योगिनी मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है।