BILASPUR. हाईकोर्ट में जूनियर वकीलों को मासिक स्टायफंड दिए जाने को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है। दायर याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के बेंच में हुई। सुनवाई में छत्तीसगढ़ स्टेट बार कौंसिल ने डिवीजन बेंच के सामने अपना जवाब रख दिया है। उन्होंने जवाब में मासिक स्टायफंड के प्रस्ताव का समर्थन किया है। कोर्ट ने शासन को जल्द ही जवाब देने कहा है। कोर्ट शासन को जवाब देने 1 सप्ताह का समय दिया है।
बता दें, हाईकोर्ट में सना मेमन और सिद्धांत दास ने अधिवक्ता प्रवीण दास, अभिषेक गुप्ता और आयुषी अग्रवाल के माध्यम से जनहित याचिका दायर की है।
दायर याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट में वकालत करने आने वाले जूनियर वकीलों के लिए मासिक स्टायफंड का निर्धारण किया जाना चाहिए देश के मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, पांडिचेरी सहित अनेक राज्यों में भी इस प्रकार की व्यवस्था है कि माह में नए वकीलों को अलग से पारिश्रमिक दिया जाता है।
याचिका में यह भी बताया गया कि प्रारंभिक दिनों में नए वकीलों को अपना मासिक व्यय निकालने में बहुत मुश्किल होती है। इसे देखते हुए सभी स्टेट बार कौंसिल के अंतर्गत यह परंपरा शुरू की गई है। इसमें माह में स्टायफंड दिया जाता है ताकि वकील अपने आने-जाने और अन्य प्राथमिक खर्चे निकाल सकें।
पूर्व अध्यक्ष ने पत्र लिखकर की थी मांग
इसी मुद्दे को लेकर हाईकोट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल बहाव ने भी छत्तीसगढ़ स्टेट बार कौंसिल सहित बार कौंसिल ऑफ इंडिया से भी इस पर ठोस कदम उठाने की अपील की थी। पहले हुई सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने छत्तीसगढ़ स्टेट बार कौंसिल और बार कौंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।