BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में पीएससी की परीक्षा में प्रदेश में स्थानीय उम्मीदवारों को 5 वर्ष की छूट देने के विरोध में याचिका दायर की गई। याचिका में कोर्ट को 5 वर्ष अतिरिक्त छूट देने को नियमों का उल्लंघन बताया गया है। केस की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस पार्थ प्रतिम साहू व जस्टिस रजनी दुबे के बेंच में हुई। फिलहाल कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।
बता दें, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लोक सेवा आयोग की भर्तियों में स्थानीय निवासियों को आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट देने का प्रावधान है। इसी के खिलाफ में अन्य राज्यों के प्रतियोगी उदय कुमार व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि यह संविधान की धारा 14 व 16 का उल्लंघन है। डिवीजन बेंच में सुनवाई के बाद इसमें मतभिन्नता आने पर चीफ जस्टिस ने तीन जजों की फुल बेंच गठित कर मामले की सुनवाई की। अभी फैसला सुरक्षित रखा है।
स्थानीय को 5 वर्ष की छूट
राज्य सरकार ने स्थानीय अभ्यर्थियों को मौका देने के लिए सीजीपीएससी में 5 वर्ष का अतिरिक्त छूट देने का प्रावधान रखा है। पहले उम्र में छूट नहीं दिया गया था लेकिन बाद में राज्य सरकार ने स्थानीय निवासियों के लिए प्रावधान किया। छत्तीसगढ़ पहला राज्य नहीं है जिसने आयु में छूट दी है। कई राज्य है जहां पर स्थानीय अभ्यर्थियों को छूट दी जाती है।
प्रावधानों का बताया है उल्लंघन
हाईकोर्ट में पीएससी परीक्षा में राज्य के निवासियों को 5 साल का अतिरिक्त छूट देने पर 4 अलग-अलग याचिका दायर की गई है। इसमें याचिकाकर्ताओं ने अपने वकिलों के माध्यम से इस छूट को प्रावधानों का उल्लंघन बताया है। इस मामले में कोर्ट में पहले भी सुनवाई हो चुकी है लेकिन मत अलग-अलग होने के के चलते मामले को सुरक्षित रखा गया है।