BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सुविधाओं में लापरवाही व अव्यवस्थाओं को लेकर जनहित याचिका की सुनवाई की। इस दौरान हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को जमकर फटकारा और मलेरिया से हुई मौतों के संबंध में पूछा। इसके बाद जिला कलेक्टर मलेरिया के लिए अतिसंवेदनशील इलाकों में पहुंचे। बाइक में सवार होकर उन्होंने प्रभावित इलाकों में लोगों से मुलाकात की व समस्या को जाना। उन्होंने आदेश दिया है कि डॉक्टर्स व स्वास्थ्य कर्मी मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे।
बता दें, बीते दिनों मलेरिया व डायरिया का प्रकोप कोटा व तखतपुर क्षेत्र में देखने को मिला। मलेरिया से दो भाई की मौत हो गई। वहीं रतनपुर क्षेत्र में डायरिया से एक युवती की मौत हुई। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सेवाओं की कमी व लापरवाही मानते हुए जनहित याचिका मानकर संज्ञान लिया। कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को फटकार लगाया तो अब मलेरिया प्रभावित इलाकों में खुद जिला कलेक्टर अवनीश शरण पहुंचे। किसी आम नागरिक की तरह बाइक में सवार होकर कोटा विकासखंड के मलेरिया प्रभावित इलाकों में पहुंचे। अभी तक मलेरिया प्रभावित को संख्या 17 हो गई है।
54 गांव को माना है अतिसंवेदनशील
मलेरिया का प्रकोप कोटा विकासखंड के 54 गांव को माना गया है। जिला कलेक्टर ने मलेरिया प्रभावित कुरदर, छुईहा, टेंगनमाड़ा सहित कई गांव का दौरा किया। साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों व डॉक्टरों को अपने मुख्यालय से बाहर जाने पर अभी रोक लगा दी है। वहीं गांव व उस क्षेत्र की साफ-सफाई पर भी ध्यान देने के लिए कहा है।
ये सभी गांव है संवेदनशील
क्ुरदर, उमारिया, परसापानी, छुईहा, चिखलावरी, कूपाबांधा, झरना, पंडरीपारी, टांटीधार, ठोड़ीनार, लठौरी, बरबुड, बथरापूरा, सरगोड़, गौरखुरी, बगधरा, चाटीडांड, करवा, उपका, अटडडा, पहाड़बछाली, औरापानी, बरपाली, नगपुरा, कमईबहरा, छतौना, झिराखोला, परमापानी, मझगंवा, छिदंवाड़, कंचनपुर, खैरझिटी, बंगलाभाठा, कुम्हड़ाखेल, तेंदूभाठा, सेलर, पचरा, उमारियादादर, कोईलारी, भंडीमुड़ा, शिवतराई, परसदा, करहीकछार, रतखंडी, चाटापारा, भेलवाटिकारी, लूफा, शक्तिबहरा, बहेरामुड़ा, भैसाझाार, बछाली खुर्द, कुंआ, टेंगनमाड़ा, कुरूवार गांव, मलेरिया के लिए अति संवेदनशील माने गए है।
दिए कई दिशा-निर्देश
बाइक में सवार होकर गांव जाने के बाद कलेक्टर ने वहां के समस्याओं को देखते हुए कई निर्देश दिए। सबसे पहले उन्होंने सड़क को आने-जाने योग्य बनाने के लिए कहा। इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मियों को लगातार ड्यूटी कर मरीजों की सहायता करने कहा। इसके अलावा गांव की साफ-सफाई व दवाओं का छिड़काव कर मच्छरों को भगाने कहा। वहीं गांव के लोगों को मलेरिया होने पर तुरंत अस्पताल जाने कहा।