BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बलौदाबाजार में स्पंज आयरन फैक्ट्री के खिलाफ याचिका दायर की गई है। याचिका में बताया गया कि प्लांट लगने से पूर्व ही स्थानीय ने विरोध भी किया था। साथ ही पर्यावरण भी प्रदूषित होने की जानकारी दी है। इस मामले पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सरकार से सवाल पूछा की आयरन प्लांट लगाने से पहले क्या जगह को देखा भी नहीं था। बिना देखे कैसे प्लांट लगा लिया। कोर्ट ने इस पर राज्य शासन के साथ ही पर्यावरण मंडल को नोटिस जारी किया है।
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बता दें, बलौदा बाजार जिले में स्पंज आयरन फैक्ट्री लगाने पर स्थानीय लोगों ने जनहित याचिका दायर की है। इस मामले में याचिकाकर्ता दिलीप कुमार पांडेय ने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका में बताया गया जिले के खजूरी गांव में अनिमेष पावर प्लांट का संचालन किया जा रहा है। इसी जगह पर अब स्पंज आयरन प्लांट भी लगाया जा रहा है।
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इसके लिए अलग से जमीन भी अधिग्रहित की गई है। स्थानीय लोगों ने आयरन प्लांट औद्योगिक क्षेत्र में बनाने की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही कलेक्टर व पर्यावरण प्रदूषण मंडल से भी शिकायत की। लेकिन किसी ने नहीं सुनी।
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शिवनाथ नदी के किनारे है प्लांट
याचिकाकर्ता के एडवोकेट ने बताया कि नदी और नाले के किनारे, रिहायशी इलाके या वन क्षेत्र में इस प्रकार का प्लांट नहीं लगाया जा सकता है। पर्यावरण विभाग भी इसकी अनुमति नहीं देता है। यह इलाका शिवनाथ नदी के करीब है। आसपास कई गांव और जंगल भी हैं। यहां का पर्यावरण भी बुरी तरह प्रभावित होगा।
चीफ जस्टिस ने पूछे सवाल
इस पर डिवीजन बेंच ने एसडीएम से पूछा कि इस जगह का डायवर्सन कैसे कर दिया गया। पर्यावरण बोर्ड के वकील से पूछा कि गांव वालों के विरोध के बाद भी अनुमति कैसे दे दी गई। चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि शासन क्या ऐसे ही बिना मौके पर पहुंचे सब निर्णय कर लेता है।