SUKMA. छत्तीसगढ़ एक तरफ जहां लगातार पुलिस की कार्रवाई में नक्सली सिमटते जा रहे हैं वहीं अब उन्हे आर्थिक संकट का सामना भी करना पड़ेगा। दरअसल नक्सल संगठन में बड़े आर्थिक संकट की खबर है। पुलिस ने नक्सलियों के नकली नोट छापने के डेरे में छापेमारी की है। इसमें बड़ी संख्या में प्रिंटर और नक़ली नोट बरामद किए गए हैं। इस बात की जानकारी SP किरण चव्हाण ने दी है।
बस्तर में अब नक्सलवाद अपनी आखिरी सांसे गिन रहा है, अब सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि नक्सली न सिर्फ पुलिस एनकाउंटर में मारे जा रहे हैं, बल्कि उनके संगठन के लड़ाके बड़े पैमाने पर आत्मसमर्पण भी कर रहे हैं। और अब उनके सामने भारी वित्तीय संकट भी आ खड़ा हुआ है।
जाहिर हैं कि नई सरकार ने नक्सलियों के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा कर दिया हैं जिससे बाहर आ पाना नक्सलियों के लिए मुश्किल होता जा रहा है। यही वजह है कि माओवादी ऐसे कामों को अंजाम दे रहे हैं जिसे जानकर आप भी दंग रह जायेंगे।
दरअसल नक्सली संगठनों के सामने बड़ा आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ हैं। बस्तर में बढ़ते पुलिस कैम्पों की संख्या से नक्सली अब अंदरूनी इलाकों में ही सिमट कर रहे गए हैं।
कभी बेख़ौफ़ होकर जंगलों ने अपना राज चलाने वाले नक्सलियों के लिए किसी भी तरह मूवमेंट करना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में उनकी माली हालत बिगड़ती जा रही हैं। वही इस संकट से निबटने के लिए नक्सली संगठन जंगलों के भीतर नक़ली नोटों की छपाई करने में जुटे थे, जिसपर छापेमारी करके अब पुलिस ने नकेल कस दिया है।
इसकी पुष्टि तब हुई जब पुलिस और सुरक्षाबलों ने छापेमारी कर बड़ी संख्या में प्रिंटर और नक़ली नोट बरामद किये। इस पूरी कार्रवाई की जानकारी खुद सुकमा जिले के एसपी किरण चव्हाण ने दी हैं।