BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में पटवारियों ने दूसरे जिले में तबादला के आदेश को चुनौती दी थी। इस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए तबादला आदेश को निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य शासन ने स्थानांतरण में नियमों का पालन नहीं किया गया है।
बता दें, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में पटवारियों के तबादला आदेश को चुनौती दी गई। आदेश के मुताबिक राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने 30 सितंबर 2022 को अवर सचिव द्वारा अन्य जिलों में ट्रांसफर कर दिया गया था। पटवारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
इसमें नियमों का हवाला देते हुए बताया गया कि पटवारियों के नियुक्तिकर्ता अधिकारी कलेक्टर हैं उनकी वरिष्ठता जिले के आधार पर रहती है। जिले से बाहर अगर उनका स्थानांतरण किया जाता है तो वरिष्ठता सूची में वे निचले क्रम में हो जाएंगे। साथ ही भू राजस्व संहिता की धारा 104 में नियुक्ति और सेवाओं का अधिकार कलेक्टर को दिया गया है।
राजस्व पुस्तक परिपत्र के खंड 5 की कंडिका 16 के संशोधित आदेश में पटवारियों को उनके जिले के भीतर कलेक्टर को ही स्थानांतरण का अधिकार है। पूर्व में कोर्ट ने स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी थी।
दूसरे जिले में ट्रांसफर को बताया गलत
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के समक्ष पैरवी करते हुए तर्क दिया। इसमें राजस्व पुस्तिका परिपत्र के खंड 5 की कंडिका 16 के संशोधित आदेश में पटवारियों को उनके जिले के भीतर कलेक्टर को ही स्थानांतरण करने का अधिकार है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शासन के पक्ष को भी सुना। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने माना कि ट्रांसफर आदेश में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। लिहाजा तबादला आदेश को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने कहा कि नियम के अनुसार पटवारियों को दूसरे जिलों में ट्रांसफर करना गलत माना है।