DESH VIDESH. भारत में आम चुनाव के परिणाम आने के बाद से एनडीए ने राष्ट्रपति के समक्ष सरकार बनाने प्रस्ताव पेश किया है। इसके बाद से ही प्रधानमंत्री के तौर पर एक बार फिर से नरेन्द्र मोदी अपनी तीसरी पारी प्रधानमंत्री के तौर पर शुरू करेंगे। दो दिन बाद 9 जून को शपथ ग्रहण करेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में सिर्फ देश के ही नहीं विदेशों से मेहमान भारत पहुंचेंगे। इनमें भारत के मित्र राष्ट्र के प्रतिनिधि होंगे। वहीं मालदीव में भारत का विरोध व वहां के नए राष्ट्रपति मोइज्जू के भी आने की बात कहीं जा रही है। मेहमान के तौर पर उन्हें निमंत्रण देने की पुष्टि भी की है।
बता दें, आम चुनाव में भाजपा के एनडीए गठबंधन के साथ फिर से नई पारी शुरू करने वाले है। ऐसे में नरेन्द्र मोदी को अमेरिका, रूस, चीन सहित अन्य बड़े देशों के नेताओं ने बधाई दी। वहीं अब शपथ ग्रहण की तैयारी की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक भारत के पड़ोसी सभी सात देशों इसमें बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव, मॉरीशस, सेशेल्स और श्रीलंका के नेताओं को औपचारिक निमंत्रण भेजा गया है।
निमंत्रण के पहले से ही बांग्लादेश, नेपाल व श्रीलंका के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना, प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल औश्र राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के पीएम शपथ ग्रहण में शामिल होने की पुष्टि की है। अब मालदीव के राष्ट्रपति के तरफ से भी पुष्टि की बात कहीं जा रही है। उनके साथ कैबिनेट के 3 सदस्यी टीम भारत पहुंचेगी।
खटास के बीच चौकानें वाली बात
जब से मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जू बने हैं। तब से ही भारत व मालदीव के बीच कई मसले सामने आए है। मालदीव में चुनाव के दौरान मोइज्जू ने इंडिया आउट का सहारा लेकर चुनाव जीता और जीत के बाद रंग भी दिखाने शुरू कर दिए।
वहीं भारत के सेना को हटाने सहित कई मुद्दे पर मालदीव के साथ संबंधों में खटास की खबरें आ रही थी ऐसे में प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह का न्यौता मुइज्जू को मिलना चौकाने वाला रहा।